राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्यप्रदेश: धान मिलिंग पर प्रोत्साहन राशि बढ़ी, एफसीआई को चावल देने पर 120 रुपये अतिरिक्त

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद का अहम फैसला, किसानों को सीधे फायदा

11 दिसंबर 2024, भोपाल: मध्यप्रदेश: धान मिलिंग पर प्रोत्साहन राशि बढ़ी, एफसीआई को चावल देने पर 120 रुपये अतिरिक्त – किसानों के लिए राहत भरी खबर आई है। मध्यप्रदेश सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 के तहत धान की मिलिंग के लिए प्रोत्साहन और अपग्रेडेशन राशि की मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रि-परिषद की बैठक में इस महत्वपूर्ण फैसले को मंजूरी दी गई।

धान की मिलिंग पर मिलेगा 50 रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन

इस फैसले के तहत, धान की मिलिंग के लिए किसानों और मिलर्स को 10 रुपये प्रति क्विंटल मिलिंग शुल्क और 50 रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, अगर 20% चावल का परिदान भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को किया जाता है, तो 40 रुपये प्रति क्विंटल और 40% चावल के परिदान पर 120 रुपये प्रति क्विंटल अपग्रेडेशन राशि दी जाएगी।

इस पहल का मुख्य उद्देश्य किसानों से खरीदे गए धान की शीघ्र मिलिंग सुनिश्चित करना है ताकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत चावल की आपूर्ति की जा सके। साथ ही, राज्य में आवश्यकता से अधिक चावल को केंद्रीय पूल में तेजी से भेजने की योजना भी बनाई गई है।

विद्युत वितरण कंपनियों के लिए बड़ा कदमराज्यांश ऋण की जगह अनुदान

मंत्रि-परिषद ने बिजली वितरण क्षेत्र में भी एक बड़ा फैसला लिया है। रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के तहत राज्य की विद्युत वितरण कंपनियों को राज्यांश के 40% हिस्से के लिए ऋण के बजाय अंश पूंजी/अनुदान के रूप में 6,000 करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी।

इस निर्णय के अनुसार, वितरण कंपनियों को वितरण प्रणाली के उन्नयन, हानियों में कमी, और वितरण प्रणाली के आधुनिकीकरण के लिए राज्यांश की राशि अंश पूंजी के रूप में दी जाएगी। इसके साथ ही, वितरण कंपनियों को ऋण के रूप में दी गई पूर्व राज्यांश राशि को भी अंश पूंजी में परिवर्तित किया जाएगा।

इससे प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने के कार्य में तेजी आने की उम्मीद है। उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण और विश्वसनीय विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से RDSS योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार विद्युत वितरण कंपनियों को प्री-पेड स्मार्ट मीटर और सिस्टम मीटरिंग के लिए 15% और अधोसंरचना विकास के लिए 60% राशि अनुदान के रूप में देगी। शेष 40% राशि राज्य सरकार की ओर से अंश पूंजी के रूप में प्रदान की जाएगी।

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