झाबुआ जिले में सीमांत किसानों और पशुपालकों का सम्मेलन सम्पन्न
05 मई 2023, झाबुआ: झाबुआ जिले में सीमांत किसानों और पशुपालकों का सम्मेलन सम्पन्न – मौजूदा समय में प्राकृतिक खेती अपनाना कृषिगत समस्याओं के सर्वोत्तम उन्मूलन के रूप में देखा जा रहा है। किसान यदि गौ आधारित प्राकृतिक खेती करेगे तभी वास्तविक कृषि कल्याण हो सकेगा। उपरोक्त विचार कलेक्टर सुश्री तन्वी हुड्डा ने संपर्क म०प्र० द्वारा आयोजित सीमांत किसानों और पशुपालकों के सम्मेलन में व्यक्त किये।
इस दौरान प्राकृतिक कृषि एवं पशु पालन के लोक आधारित प्रयासों द्वारा ग्रामीणों की आजीविका उन्नयन विषय पर जिले भर के विभिन्न विकासखंडों में राष्ट्रीय आजीविका मिशन से जुडे स्व-सहायता समूह के किसानों एवं पेटलावद तथा रामा विकासखंड में संपर्क समाजसेवी संस्था द्वारा अभिप्रेरित फार्मर, पशु सखी, पशु मित्र तथा ग्रामीण महिलाओं उ़द्यमियों ने एकत्र होकर छोटे पशुओं के पालन की तकनीक तथा जैविक कृषि के पारंपरिक तौर तरीकों पर गंभीर विचार विमर्श करते हुए अपने अनुभवों का आदान प्रदान किया।
कलेक्टर सुश्री हुड्डा ने महिला उद्यमियों तथा पशुपालकों से मिलकर उनकी आजीविका के बारे में जानकारी प्राप्त की तथा कृषि विज्ञान केंद्र, राज्य आजीविका मिशन, कृषि विभाग, पशु चिकित्सा, उद्यानिकी तथा मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों को महिला समूहों की सदस्यों को लेकर शासकीय जन कल्याणकारी योजनाओं के कियान्वयन के निर्देश दिये। कलेक्टर ने संपर्क द्वारा संचालित सामुदायिक बीज बैंक द्वारा प्रदर्शित विभिन्न फसलों की दुर्लभ प्रजातियों के बीजों का अवलोकन किया तथा महिला किसानों द्वारा उत्पादित जैविक कृषि आदानों की जानकारी ली। उन्होने महिला किसानों से आव्हान किया कि वे पशु पालन तथा प्राकृतिक खेती के ज्ञान को अगली पीढ़ी तक पहुंचाए तथा अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष में झाबुआ श्री अन्न के उत्पादन में रिकॉर्ड कायम करे। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक आईएस तोमर ने किसानों को मौसम की प्रतिकुलताओं से निपटने के लिए आवश्यक सलाह दी। सम्मेलन में बकरी पालक महिला नंदुडीबाई और प्रगतिशील किसान दिनेश भाबोर ने अपने अनुभव साझा किए।
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