राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्यप्रदेश सरकार ने जनजातीय विकास के लिए बढ़ाया बजट, 23.4% की वृद्धि

05 अक्टूबर 2024, भोपाल: मध्यप्रदेश सरकार ने जनजातीय विकास के लिए बढ़ाया बजट, 23.4% की वृद्धि – मध्यप्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 में अनुसूचित जनजातियों के विकास के लिए 40,804 करोड़ रुपये का बजट पारित किया, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 3,856 करोड़ रुपये अधिक है। इस बजट में 23.4% की वृद्धि की गई है, जिसका उद्देश्य जनजातीय समुदायों की शिक्षा, रोजगार, और समग्र विकास पर विशेष ध्यान देना है।

पीएम जन-मन अभियान में विशेष जनजातियों का विकास

प्रधानमंत्री जन-मन अभियान के तहत राज्य सरकार विशेष पिछड़े जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) जैसे बैगा, भारिया, और सहरिया के विकास के लिए कार्य कर रही है। इन जनजातियों के क्षेत्रों में ग्रामीण सड़कों, आवास, और शिक्षा से जुड़ी कई योजनाओं पर काम हो रहा है। इस अभियान के तहत सरकार ने 1,607 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है।

जनजातीय युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए पीवीटीजी बटालियन का गठन किया जा रहा है। यह बटालियन बैगा, भारिया, और सहरिया जनजातियों के लिए अलग से बनाई जाएगी। इसके अलावा, सेना, पुलिस, और होमगार्ड में भर्ती के लिए इन युवाओं को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

आहार अनुदान योजना

मध्यप्रदेश सरकार ने पीवीटीजी आहार अनुदान योजना के तहत जनजातीय परिवारों की महिला मुखियाओं को 1,500 रुपये प्रतिमाह पोषण आहार अनुदान देने का प्रावधान किया है। इस योजना के लिए 450 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। साथ ही, आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण के लिए 150 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

रानी दुर्गावती प्रशिक्षण अकादमी की स्थापना

जनजातीय विद्यार्थियों को जेईई, नीट, क्लेट और यूपीएससी जैसी परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए राज्य सरकार रानी दुर्गावती प्रशिक्षण अकादमी की स्थापना कर रही है। इस अकादमी के जरिए विद्यार्थियों को मुफ्त कोचिंग प्रदान की जाएगी ताकि वे प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल हो सकें।

मध्यप्रदेश में नवंबर 2022 से लागू पेसा नियमों से 20 जिलों की 11,596 ग्राम पंचायतों में जनजातीय समुदायों को लाभ मिल रहा है। इन नियमों के तहत जनजातीय समुदाय अपनी संस्कृति और परंपराओं के अनुरूप विकास योजनाओं का क्रियान्वयन कर सकते हैं।

छात्रवृत्ति योजनाओं का विस्तार

वित्त वर्ष 2023-24 में विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत जनजातीय विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई। प्री-मेट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत 17 लाख से अधिक विद्यार्थियों को 56 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति दी गई। इसके अलावा, पोस्ट-मेट्रिक छात्रवृत्ति योजना में 356 करोड़ रुपये वितरित किए गए।

विदेश में पढ़ाई करने वाले 10 जनजातीय विद्यार्थियों को 2.89 करोड़ रुपये की विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति भी दी गई। इसके अलावा, किराया प्रतिपूर्ति योजना के तहत 1.44 लाख विद्यार्थियों को 109 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।

राज्य के प्रमुख शहरों भोपाल, इंदौर और जबलपुर में आकांक्षा योजना के तहत जेईई, नीट और क्लेट की तैयारी कराई जा रही है। अब इस योजना का विस्तार करते हुए सभी जनजातीय ब्लॉकों में मुफ्त कोचिंग की सुविधा प्रदान की जाएगी।

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