मध्यप्रदेश: सिर्फ 15 बीघा में मूंग की खेती और 61 हजार का शुद्ध लाभ, किसान ने बताया क्या किया अलग
13 अगस्त 2025, विदिशा: मध्यप्रदेश: सिर्फ 15 बीघा में मूंग की खेती और 61 हजार का शुद्ध लाभ, किसान ने बताया क्या किया अलग – विदिशा जिले के ग्राम खेरूआहाट के शिक्षित युवा किसान शुभम रघुवंशी खेती को एक नई सोच के साथ कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह पिछले दो सालों से गर्मी के मौसम में (जायद सीजन) मूंग की तीसरी फसल वैज्ञानिक तरीकों से ले रहे हैं और अच्छी आमदनी कमा रहे हैं।
इस साल शुभम ने 15 बीघा जमीन पर मूंग की दो किस्में – पीडीएम 139 और स्टार 444, लगाईं। खेती करते समय उन्होंने नरवाई प्रबंधन का विशेष ध्यान रखा और कृषि वैज्ञानिकों के सुझाए अनुसार उन्नत बीज, संतुलित खाद और कीट-रोग नियंत्रण उपाय अपनाए।
वैज्ञानिक सलाह और तकनीक से मिली बड़ी सफलता
शुभम ने रबी सीजन की गेहूं की कटाई के बाद बची नरवाई को रोटावेटर से मिट्टी में मिलाकर खेत तैयार किया। फिर 25 मार्च को मूंग की बुवाई की और सिंचाई के लिए स्प्रिंकलर विधि अपनाई। शुरुआत में पौधों में येलो मोज़ेक वायरस की समस्या दिखी, लेकिन कृषि विस्तार अधिकारी श्री विशाल यादव की सलाह से रोगग्रस्त पौधे उखाड़कर नष्ट किए गए और इमिडाक्लोप्रिड दवा का उपयोग कर बीमारी पर नियंत्रण पाया गया।
इसके बाद समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन अपनाकर पौधों की बढ़वार और फल-फूल की संख्या में बढ़ोतरी हुई। समय पर बुवाई करने से फसल बारिश से पहले पककर तैयार हो गई, जिसे बिना रसायन के प्राकृतिक रूप से पकने दिया गया।
प्राकृतिक पकाई, MSP पर बिक्री और शानदार मुनाफा
फसल को हंसिये से कटवाकर थ्रेशर से दाना निकाला गया। शुभम ने बताया कि उन्हें प्रति हेक्टेयर 10.75 क्विंटल मूंग का उत्पादन मिला। उन्होंने मध्यप्रदेश शासन की ई-उपार्जन प्रक्रिया के तहत पंजीयन कराकर, अपनी फसल को विदिशा के सरकारी मूंग उपार्जन केंद्र पर बेचा।
उन्हें एमएसपी दर 8,768 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से कुल ₹94,256 रुपये की आमदनी हुई। इस फसल पर ₹32,500 प्रति हेक्टेयर लागत आई और शुभम को ₹61,756 प्रति हेक्टेयर शुद्ध लाभ हुआ।
कम समय में अधिक मुनाफे की मिसाल
सिर्फ दो महीने की मूंग की फसल से हुई ये कमाई बताती है कि यदि खेती वैज्ञानिक तरीके, समय पर बुवाई, और सरकारी योजनाओं के सहयोग से की जाए तो खेती लाभ का सौदा बन सकती है। शुभम जैसे युवा किसान दूसरों के लिए प्रेरणा बन रहे हैं कि कम समय में भी खेती से बेहतर मुनाफा कमाया जा सकता है।
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