म. प्र. कृषि आदान विक्रेता संघ ने मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारियों से की मुलाकात
04 मार्च 2025, भोपाल: म. प्र. कृषि आदान विक्रेता संघ ने मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारियों से की मुलाकात – मध्य प्रदेश कृषि आदान विक्रेता संघ के प्रतिनिधिमंडल ने अपनी अपनी विभिन्न व्यापारिक एवं कृषि आदान व्यापारियों की अन्य समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव के अलावा प्रमुख कृषि सचिव श्री एम. सेल्वेन्द्रम, संचालक कृषि श्री अजय गुप्ता एवं एनएफएल के जोनल मैनेजर श्री राजेन्द्र एस चौहान से गत दिनों भोपाल में उनके कार्यालय में मुलाकात की। इस प्रतिनिधि मण्डल में प्रदेश अध्यक्ष श्री मानसिंह राजपूत, प्रदेश सचिव श्री संजय रघुवंशी, श्री राजेश मलैया सागर, श्री प्रमोद बजाज दमोह, श्री विजय जैन बाबई, श्री हेमंत परसाई होशंगाबाद , श्री श्रीकृष्ण दुबे इंदौर,श्री पुनीत समैया सिलवानी , श्री राजीव पीतलिया विदिशा , श्री संतोष मौर्य इंदौर , श्री हेमन्त चौहान बकतरा ,श्री शरद साहू इटारसी एवं जादौन ट्रेडर्स लटेरी सहित अन्य व्यापारी उपस्थित थे।
मुलाकात के दौरान संगठन ने प्रदेश में उर्वरकों का अनुपात समाप्त करने, उर्वरक कंपनियों द्वारा की जा रही जबरन टैगिंग बन्द करने, खाद बीज एवं कीटनाशक अमानक होने पर निर्माता कंपनी पर कार्रवाई करने, मंडी एक्ट में संशोधन करके खाद बीज एवं कीटनाशक दवाइयां को मंडी प्रांगण में ही विक्रय करने की अनुमति देने एवं प्रदेश के कृषि आदान व्यापारियों की अन्य समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गई। इनमें से कई मांगों पर वरिष्ठ अधिकारियों ने सहमति जताई। उपरोक्त जानकारी देते हुए प्रदेश सचिव श्री संजय रघुवंशी ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री यादव ने उर्वरक नीति में संशोधन पर पुनर्विचार करते हुए सहकारी समितियों एवं निजी उर्वरक व्यापारियों को अनुपात में दिया जाने वाले प्रावधान को समाप्त करने पर सहमति जताई एवं आश्वासन दिया कि देश के अन्य राज्यों की उर्वरक नीति के बारे में जानकारी प्राप्त करके इस संबंध में उचित निर्णय लिया जाएगा। साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया कि कृषि उपज मंडी प्रांगण के अंदर ही किसानों की उपयोग करने वाली समस्त वस्तुओं के विक्रय के लिए मंडी एक्ट में प्रावधान किया जाएगा।
संचालक कृषि श्री अजय गुप्ता ने इस बात पर सहमति जताई कि प्रदेश में उर्वरक निर्माता कंपनियों द्वारा की जा रही जबरन टैगिंग को रोका जाना अति आवश्यक है। साथ ही यदि नमूने अमानक होने पर विक्रेताओं की कोई गलती नहीं है तो उनके विरुद्ध कार्रवाई भी नहीं की जानी चाहिए, इस बारे में एक बैठक अप्रैल माह में संगठन के पदाधिकारियों के साथ पुनः आयोजित की जावेगी। प्रमुख सचिव कृषि एवं संचालक कृषि संगठन के इस तर्क से पूर्णतः सहमत है कि कृषि उपज मंडी प्रांगण में ही समस्त कृषि आदानों एवं उत्पादों की बिक्री की जानी चाहिए पर इस बारे में जो भी आवश्यक संशोधन होंगे वह किए जाएंगे । प्रमुख सचिव कृषि श्री एम. सेल्वेन्द्रम ने मंडी बोर्ड के डायरेक्टर श्री पुरुषोत्तम कुमार से तत्काल ही फोन पर इस बारे में चर्चा कर आश्वासन दिया कि इस बारे में निर्णय लिया जाएगा। कृषि संचालक द्वारा एनएफएल द्वारा जबरन दिए गए कैप्सूल के बारे में शोकाज नोटिस जारी करने एवं फर्टिलाइजर सेक्रेटरी को पत्र लिखने का आश्वासन दिया गया। भोपाल में प्रदेश स्तरीय प्रतिनिधि मण्डल के साथ प्रशासन के साथ हुई इस मुलाकात में सरकार संगठन की बातों से सहमत दिखी। इस विषय में अप्रैल माह में प्रदेश संगठन की वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पुनः एक विस्तृत बैठक आयोजित की जावेगी।
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