मध्यप्रदेश में हल्की वर्षा की संभावना
01 नवंबर 2025, इंदौर: मध्यप्रदेश में हल्की वर्षा की संभावना – मौसम केंद्र, भोपाल से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान मध्यप्रदेश के भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम, उज्जैन , ग्वालियर , चंबल, जबलपुर, सागर संभागों के जिलों में कहीं- कहीं रीवा, शहडोल संभागों के जिलों में कुछ स्थानों पर वर्षा दर्ज़ की गई एवं शेष सभी संभागों के जिलों में मौसम मुख्यतः शुष्क रहा।
वर्षा के प्रमुख आंकड़े ( मि मी में ) – बकाल 32.0, सिवनी 29.8, हातोद 25.0, सांवेर 23.0, लालब बर्रा 21.2, बालाघाट 16.8, वारा सिवनी 14.3, चौराई 13.2, बरघाट 11.1, देवास 8.0, हनुमना 8.0, डही 7.0, देपालपुर 5.8, बिछुआ 5.0, उज्जैन 5.0, गौतमपुरा 3.8, कुरई 3.5, किरनापुर 3.4, वेंकट नगर 3.0, मऊगंज 3.0, गुढ़ 3.0, त्योंथर 3.0, सोहावल 3.0, जयसिंह नगर 3.0, ढीमरखेड़ा 2.5, पुष्प राजगढ़ 2.4, चांद2.4, मोहखेड़ 2.4, चितरंगी 2.3, सीधी 2.2, बरहाई 2.2, आगर 2.0, लांजी 2.0, पटेरा 2.0, गंधवानी 2.0, डोलरिया 2.0, सिंहावल 2.0, माड़ा 2.0, उमरिया पान 1.8, करकेली 1.7, देवसर 1.6, सरई 1.4, बेगमगंज 1.3, उमरिया 1.3, बेनीबारी 1.2, सेंधवा 1.2, धार 1.2, शिवपुरी 1.2, मानपुर 1.2, पाली 1.2, अशोकनगर 1.0, बड़ा मलहरा 1.0, बदनावर 1.0, नईगढ़ी 1.0, जयतपुर 1.0, कराहल 1.0, नरवर 1.0, कुसमी1.0, नौरोजाबाद 1.0, चंदिया 1.0, मलाजखंड 0.6, भोपाल 0.6, नबीबाग 0.6, मंडला 0.6, इंदौर 0.5, कटनी 0.5, सागर 0.5, बैतूल 0.4, खजुराहो-एयर पोर्ट 0.4, राजनगर 0.4, छतरपुर 0.2, गुना 0.2. मिमी वर्षा दर्ज़ की गई।
मौसमी परिस्थितियां – एक निम्न दबाव क्षेत्र , पश्चिम बंगाल के गंगा तटीय क्षेत्र के उत्तरी हिस्सों और निकटवर्ती क्षेत्रों में अवस्थित है तथा इससे संबंधित चक्रवातीय परिसंचरण मध्य समुद्र तल से 3.1 किमी की ऊंचाई पर सक्रिय है l इसके उत्तर -उत्तर – पूर्व की ओर बढ़ने और अगले 12 घंटों के दौरान कमजोर पड़ने की संभावना है। एक सुस्पष्ट निम्न दबाव क्षेत्र , पूर्व मध्य और निकटवर्ती उत्तर पूर्व अरब सागर के ऊपर अवस्थित है तथा संबंधित चक्रवातीय परिसंचरण मध्य समुद्र तल से 5.8 किमी की ऊंचाई पर सक्रिय है l इसके उत्तर – पूर्व अरब सागर को पार करते हुए दक्षिण गुजरात और संलग्न उत्तरी महाराष्ट्र तटों की ओर पूर्व – उत्तर – पूर्व की ओर बढ़ते रहने और अगले 24 घंटों के दौरान निम्न दबाव क्षेत्र में कमजोर पड़ने की संभावना है। एक ऊपरी हवा का चक्रवातीय परिसंचरण , दक्षिण म्यांमार तट और निकटवर्ती उत्तरी अंडमान सागर पर मध्य समुद्र तल से 5.8 किमी की ऊंचाई पर सक्रिय है l इसके प्रभाव से, अगले 24 घंटों के दौरान पूर्व – मध्य बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव क्षेत्र बनने की संभावना है। 3 नवंबर की रात से एक नया पश्चिमी विक्षोभ के पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित करने की संभावना है।
पूर्वानुमान – मौसम केंद्र ने भोपाल, रायसेन, सीहोर, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन , इंदौर, रतलाम, उज्जैन , देवास, शाजापुर,सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया , डिंडोरी , कटनी, जबलपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला,बालाघाट, मैहर पांढुर्ना जिलों कहीं -कहीं तथा बड़वानी, आलीराजपुर, झाबुआ, धार जिलों में कुछ स्थानों पर वर्षा या गरज चमक के साथ बौछारें पड़ेंगी। जबकि विदिशा , राजगढ़, आगर, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर , दतिया , भिंड , मुरैना, श्योपुरकलां, सतना, नरसिंहपुर , पन्ना , दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी जिले शुष्क रहेंगे। बैतूल, खरगोन , बड़वानी, आलीराजपुर, झाबुआ, धार, छिंदवाड़ा और पांढुर्ना जिलो में झंझावात और वज्रपात का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
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