राज्य कृषि समाचार (State News)

बीज उत्पादन से ललितेश्वर बने कृषि उद्यमी

7 दिसम्बर 2022, भोपाल । बीज उत्पादन से ललितेश्वर बने कृषि उद्यमी – देश में किसान जहां एक ओर महीनों से आंदोलन कर रहे थे। वहीं उनमें से कुछ किसान ऐसे भी हैं जो बिना कर्ज एवं सरकारी योजना का लाभ लिए खेती के साथ अपना बाजार खुद तैयार कर लाखों की आमदनी प्राप्त कर बेहतर जीवन यापन कर रहे हैं। इसी कड़ी में हम एक ऐसे किसान की चर्चा करेंगे जिन्होंने जिले के सैकड़ों किसानों को खेती के गुर बताकर अपनी अलग पहचान बनाई है। बिहार के वैशाली जिला के महुआ प्रखंड के छतवार कपूर गांव के एक ऐसे ही किसान ललितेश्वर प्रसाद सिंह हैं जिन्होंने अपनी कहानी की अलग इबारत लिखी है। ललितेश्वर ने कहा कि उनके पिताजी खेती किया करते थे और उन्हें खेती करना बिल्कुल भी रास नहीं आता था। वजह यह थी कि खेती में मेहनत अधिक और मुनाफा कम होता था। इसे देखते हुए उन्होंने हार्डवेयर और ट्रांसपोटिंग लाईन के कारोबार को अपनाया लेकिन उस काम में मुनाफा तो होता था परन्तु कार्य का सम्मान नहीं मिलता था। पुन: उन्होंने इस कार्य को छोड़ा और तीन साल बाद वे वैज्ञानिक पद्धति एवं तकनीकी से खेती करने लगे।

ललितेश्वर ने बताया कि इस पद्धति से खेती करने पर खर्च एवं समय कम और मुनाफ  अधिक होने लगा। ललितेश्वर का कहना है कि बेहतर खेती क लिए शिक्षति होना बहुत ही जरूरी है। मैंने स्नातकोतर तक ही पढ़ाई की जिसका लाभ मुझे खेती में मिल रहा है। मेरे पास तीन एकड़ जमीन है। बाकी दस एकड़ जमीन लीज पर ले कर आलू, गोभी और प्याज के बीज की खेती कर रहा हूं। मेरे बीज की मांग बिहार के कई जिलों के अलावा नेपाल, झारखण्ड व यूपी तक के किसानों तक है। मेरा यह बीज, बिहार राज्य बीज प्रमाणन एजेंसी पटना द्वारा प्रमाणति है। आलू के बीज की खासियत यह है कि सबसे अधिक उत्पादन होता है और एक हेक्टेयर में 400 क्ंिवटल उपज देता है। इसे आठ महीने तक घर में भंडारण किया जा सकता है। ‘ललितेश्वर का कहना है कि हाईबिड्र प्याज बीज डेढ़ महीने तक रूक पाता हैं इससे सलाना लगभग पांच लाख की आय प्राप्त होती है। आलू, गोभी एवं प्याज के बीज को वो ब्रांड के रूप में बाजारों में जल्दी उतारेंगे। इसके लिए वो सीड्स क्लब बनाने की तैयारी में लगे हुए हैं जो सिर्फ किसानों के लिए बना होगा। ललितेश्वर, आलू, प्याज व फूल गोभी बीज के अलावा लीची बेचकर अच्छी आय प्राप्त करते हें। ललितेश्वर कहते हैं कि खेती में बड़े भाई ललन एवं भतीजा सुबोध समय-समय हाथ बंटाते रहते हैं। यही वजह है कि उन्हें खेती में जिला राज्य स्तरीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर कई सम्मान एवं पुरस्कार मिल चुके हैं।

Advertisement
Advertisement
  • संदीप कुमार स्वतंत्र पत्रकार
    san007ht@gmail.com
Advertisements
Advertisement5
Advertisement