कृषि विरासत पाठ्य पुस्तक का विमोचन
02 नवम्बर 2022, उदयपुर: कृषि विरासत पाठ्य पुस्तक का विमोचन – महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विष्वविद्यालय के संघटक राजस्थान कृषि महाविद्यालय के नूतन सभागार में विष्वविद्यालय का 24 वां स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया।
स्थापना दिवस समारोह के मुख्य अतिथि विष्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक ने इस अवसर पर डॉ. एस. के. खण्डेलवाल, डॉ. गणेष राजामणी, डॉ. बी. एल. बाहेती, डॉ. एच. के. सुमेरिया एवं डॉ. रामावतार द्वारा लिखित पुस्तक कृषि विरासत पाठ्य पुस्तक के हिन्दी एवं अंग्रेजी संस्करण का विमोचन किया। साथ ही डॉ. देवेन्द्र जैन, डॉ. एस. के. शर्मा, डॉ. आर. एच. मीणा एवं डॉ. एस. आर. मोहंती द्वारा लिखित दो तकनीकी बुलेटिनों दक्षिणी राजस्थान के लिए पीएसबी तरल जैव उर्वरक तथा द्रवीय एवं आधारीय राइजोबियम जैव उर्वरक का विमोचन भी माननीय कुलपति महोदय द्वारा किया गया।
वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखकर कृषि विरासत नामक पाठ्यक्रम को वर्ष 2017 में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा गठित पंचम डीन कमेटी की अनुशंसा पर सभी कृषि विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में स्नातक विद्यार्थियों के लिए लागू किया गया था। इस पाठ्यक्रम की विषय सूची को ध्यान में रखकर लेखकों ने सिंधु धाटी सभ्यता (लगभग 9000 ईसा पूर्व) के समय से कृषि प्रणालियों के विकास के साथ-साथ हमारी भारतीय कृषि पद्धतियों पर उपलब्ध साहित्य को एक पाठ्य पुस्तक के रूप में संकलित करने का प्रयास किया।
इस पुस्तक में प्राचीन काल से मध्यकाल तक विभिन्न पारंपरिक प्रथाओं पर कृषि समुदायों और प्रणालियों के उत्थान के साथ विकास जिसमें स्वदेशी पारंपरिक ज्ञान जिसने कृषि को बनाए रखा है की भी व्याख्या की गई है। अंत में आधुनिक तकनीकों और देश की भविष्य की संभावनाओं से घिरे वर्तमान कृषि परिदृश्य की ओर ले जाता है, जो आज के परिदृष्य में बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होगी।कार्यक्रम का संचालन गायत्री तिवारी ने तथा धन्यवाद की रस्म डॉ. एस.एस. शर्मा ने अदा की।
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