गाजर की खेती से कान्हा ने बढ़ाई कमाई, अन्य किसानों ने भी प्रेरणा पाई
22 फ़रवरी 2025, (शैलेष ठाकुर, देपालपुर): गाजर की खेती से कान्हा ने बढ़ाई कमाई, अन्य किसानों ने भी प्रेरणा पाई – देपालपुर तहसील के गौतमपुरा क्षेत्र के ग्राम कड़ौदा के प्रगतिशील किसान श्री कान्हा कमल सिंह पटेल ने परंपरागत खेती छोड़ कर गत वर्ष 4 बीघा में गाजर लगाई थी, जिसमें उन्हें 6 लाख रुपए का मुनाफा हुआ था। इनकी कमाई से प्रेरित होकर इस वर्ष आसपास के गांवों के अन्य किसानों ने करीब 200 बीघा में गाजर लगाई है ।
4 बीघा की गाजर से 6 लाख का मुनाफा – श्री कान्हा पटेल ने कृषक जगत को बताया कि पिछले 3 वर्षों से उन्होंने परंपरागत गेहूं और चने की खेती छोड़कर गाजर की खेती शुरू की है । पहले वर्ष में ही उन्होंने गाजर से अच्छा मुनाफा कमाया, जो गेहूं के मुकाबले दो गुना हुआ। इससे उनका विश्वास खेती के इस नवाचार के प्रति और बढ़ गया। अगले वर्ष बड़े पैमाने पर गाजर की खेती की साथ ही आलू ,प्याज और लहसुन की भी बोवनी की। वर्ष 2024 में 4 बीघा में गाजर लगाई थी, इसमें उन्हें 235 क्विंटल प्रति बीघा गाजर का उत्पादन मिला था और इसमें 6 लाख रु का मुनाफा हुआ था। इस वर्ष 5 बीघा में गाजर की फसल लगाई है , जो बढ़िया है। इस वर्ष भी अच्छा उत्पादन होने की उम्मीद है । लगभग 25 दिन बाद इसे निकालना शुरू हो जाएगा। श्री पटेल ने खेती में मुनाफे की कमाई से स्प्रिंकलर लगाया और कटाई सह भूसा बनाने वाली मशीन भी खरीद ली।
गेहूं – चने के मुकाबले दो गुना मुनाफा – श्री कान्हा ने बताया कि गत वर्ष कड़ौदा के किसानों ने 80 बीघा में गाजर की खेती की थी और इस वर्ष कड़ौदा सहित आसपास के गांव बरदाखेड़ी जमगोदा,भील बडोली के दो दर्जन से अधिक किसानों ने करीब 200 बीघा से अधिक रकबे में गाजर की फसल लगाई है । इनमें बिरगोदा के किसान श्री सुखदेव सिसोदिया और श्री संजय बड़वाया भी शामिल हैं। क्षेत्र में 200 बीघा में लगी गाजर की फसल ने खेती को लाभ का धंधा बनाकर किसानों ने न केवल आत्मनिर्भरता प्राप्त की , बल्कि अब वह अपने क्षेत्र के कई किसानों को भी गाजर की खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं । गाजर की खेती में किसानों को गेहूं -चने के मुकाबले में दो गुना मुनाफा मिल रहा है। इससे किसानों को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिल रही है।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: