कृषि में अंतरिक्ष तकनीक का बढ़ता उपयोग
05 अगस्त 2025, भोपाल: कृषि में अंतरिक्ष तकनीक का बढ़ता उपयोग – कृषि क्षेत्र में वैज्ञानिक नवाचार को बढ़ावा देते हुए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने फसल पूर्वानुमान, सूखा निगरानी और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (क्करूस्नक्चङ्घ) सहित कई क्षेत्रों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का व्यापक उपयोग शुरू किया है।
फसल प्रोजेक्ट के तहत चावल, गेहूं, अरहर, सरसों, कपास, सोयाबीन जैसी प्रमुख फसलों का उपग्रह आधारित फसल उत्पादन पूर्वानुमान किया जा रहा है। वहीं, सूखा निगरानी के लिए इसरो के सहयोग से एक जियोपोर्टल विकसित किया गया है, जिसमें वर्षा, मृदा नमी और फसल स्थिति जैसे संकेतक शामिल हैं। क्करूस्नक्चङ्घ के अंतर्गत, फसल कटाई प्रयोग (ष्टष्टश्व), उपज अनुमान और दावों के समाधान में स्पेस टेक्नोलॉजी का उपयोग हो रहा है। इसके साथ ही ङ्घश्वस्-ञ्जद्गष्द्ध पहल के तहत खरीफ 2023 से धान-गेहूं और खरीफ 2024 से सोयाबीन के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर उपज अनुमान शुरू किया गया है। मंत्रालय ने कृषि निर्णय सहायता प्रणाली (्रद्दह्म्द्ब-ष्ठस्स्) भी विकसित की है, जो एक क्लाउड-बेस्ड भू-स्थानिक प्लेटफ़ॉर्म है। यह किसानों और नीति-निर्माताओं को एआई, सैटेलाइट डेटा, मौसम, जल और मृदा सूचना आधारित निर्णयों में मदद करता है।यह जानकारी कृषि राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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