मध्यप्रदेश में रक्षाबंधन पर महिलाओं को मुख्यमंत्री ने दिए 1500 रुपए का शगुन, जानें हर घर तिरंगा अभियान की योजना
10 अगस्त 2024, भोपाल: मध्यप्रदेश में रक्षाबंधन पर महिलाओं को मुख्यमंत्री ने दिए 1500 रुपए का शगुन, जानें हर घर तिरंगा अभियान की योजना – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को घोषणा की कि राज्य सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने और हर बहन तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। संपूर्ण प्रदेश में 25 हजार स्थान पर 10 अगस्त को कार्यक्रम होंगे और सिंगल क्लिक से लाड़ली बहनों के खातों में 1250 रुपए तथा रक्षाबंधन के शगुन 250 रूपए अलग से जारी किए जाएंगे, जिसमें ‘लाड़ली बहनों’ के खातों में 1250 रुपए के साथ रक्षाबंधन शगुन के तौर पर अतिरिक्त 250 रुपए दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित महिला सरपंच सम्मेलन और रक्षाबंधन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. यादव ने कहा कि राज्य की कोई भी योजना बंद नहीं होगी, बल्कि संकल्प पत्र के सभी बिंदुओं को अक्षरशः लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन पाने वाली बहनों को 450 रुपए में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया जाएगा।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को 40 फीट लंबी राखी भेंट की गई, और बहनों ने उन्हें रक्षाबंधन के मौके पर राखियां बांधी। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने “हर घर तिरंगा अभियान” के तहत स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस की तरह पूरे राज्य में तिरंगा फहराने का आह्वान किया।
महिला सरपंचों ने अपने अनुभव साझा करते हुए ग्रामीण विकास और जनकल्याण की दिशा में किए गए कार्यों की जानकारी दी। सावन के माह में आयोजित इस सम्मेलन में पारंपरिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का भी आयोजन किया गया, जिसमें झूले, मेंहदी और सेल्फी पॉइंट जैसे आकर्षण शामिल थे।
व्यर्थ के खर्चों को कम कर परिवार के संसाधनों को बच्चों की पढ़ाई में लगाएं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गरीब और मध्य वर्गीय लोगो के प्रति एक अच्छी पहल की शुरुआत की है उन्होंने कहा कि “रक्षाबंधन के पवित्र अवसर पर सभी बहनें परिवारों में व्यर्थ के खर्चों को कम करने का संकल्प लें। तेरहवीं और मृत्य भोज इत्यादि पर अनावश्यक व्यय से बचा जाए, विवाह भी सादगीपूर्ण तरीके से किए जाएं। इन गतिविधियों में कर्ज लेकर या अचल सम्पत्ति बेचकर भी पैसा लगाया जाता है, ऐसी स्थिति से बचने के लिए लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। इस प्रकार की गतिविधियों को हतोत्साहित कर तथा सामूहिक विवाह कार्यक्रमों में परिवार के युवाओं का विवाह कर जमा पूंजी बचाई जा सकती है। परिवार के संसाधनों का उपयोग बच्चों की पढ़ाई-लिखाई तथा परिवार की बेहतरी के लिए किया जाए।”
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