चने की फसल को ऐसे बचाएं फली भेदक कीट से
23 जनवरी 2025, भोपाल: चने की फसल को ऐसे बचाएं फली भेदक कीट से – प्रदेश में अधिकांश किसानों द्वारा चने की खेती भी जाती है लेकिन चने की फसल में कीट भी लग जाते है और इस कारण किसानों को नुकसान होता है. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार फली भेदक कीट चने की फसल को अधिक नुकसान पहुंचाता है और इससे बचने के उपाय बताए गए है.
यह कीट नवंबर से मार्च तक चने की फसल में सूंडी रूप में सक्रिय रहता है. शुरुआत में यह कीट पौधों की कोमल पत्तियों और टहनियों को खाता है, और जैसे-जैसे फली आती है, यह उसके अंदर प्रवेश कर बीजों को खा जाता है. इस कीट के कारण चने की पैदावार में भारी गिरावट हो सकती है, जिससे किसानों को बड़ा नुकसान होता है.
फेरोमोन ट्रैप
फेरोमोन ट्रैप चने के फल छेदक कीट की संख्या की निगरानी करने का एक प्रभावी तरीका है. इस जाल में मादा फली भेदक द्वारा छोड़े गए यौन स्राव रसायन का उपयोग किया जाता है, जो नर पतंगों को आकर्षित करता है. इस विधि से हम कीटों के प्रकोप का पूर्वानुमान कर सकते हैं और समय रहते फसल सुरक्षा उपायों को लागू करके फसल को बचा सकते हैं. फेरोमोन ट्रैप टीन या प्लास्टिक का बना होता है, जिसमें मोम की एक थैली लगी रहती है. इसे खेत में फसल से 2 फीट की ऊंचाई पर लगाया जाता है. जाल के अंदर मादा पतंग से निकलने वाले रसायन से नर पतंग आकर्षित होकर जाल में फंस जाते हैं. प्रति हेक्टेयर 4-5 जाल लगाए जाने चाहिए और जाल में फंसे नर पतंगों की नियमित निगरानी करनी चाहिए. जब लगातार 4-5 रातों तक 4-5 नर पतंग जाल में दिखाई दें, तो तुरंत फसल सुरक्षा उपायों को लागू करें.
कीट की रोकथाम
चने के खेतों में 30-40 अड्डे प्रति हेक्टेयर की दर से लगाकर कीटभक्षी पक्षियों को आकर्षित किया जा सकता है. ये पक्षी फली भेदक की सूंडी का शिकार करते हैं. खेत के चारों ओर धनिया जैसी पराग वाली फसल लगाकर परजीवी कीड़ों को बढ़ावा दिया जा सकता है, जो फलीभेदक कीटों के प्राकृतिक शिकार होते हैं. नीम की निबौली एक प्रभावी जैविक उपाय है. 15 किलो निबौली को कूट कर 85 लीटर पानी में डालकर छिड़काव करें.
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