सब्जी की फसल को ऐसे बचाएं कीट और रोगों से
11 फ़रवरी 2025, भोपाल: सब्जी की फसल को ऐसे बचाएं कीट और रोगों से – किसानों द्वारा सब्जी का उत्पादन किया जाता है लेकिन कई बार यह भी शिकायत आती है कि सब्जी की फसल में कीट और रोग लगने के कारण नुकसान हो गया है. ऐसे ही बिहार के किसानों को कृषि विभाग ने सलाह दी है ताकि सब्जी उत्पादक किसान अपनी फसलों को न केवल रोगों और कीटों से बचा सकेंगे वहीं उन्हें आर्थिक नुकसान भी नहीं होगा.
तना व फल छेदक सब्जियों और फलों के अंदर घुसकर पौधे, फसल को बर्बाद कर देते हैं. इससे बचाव के लिए कीट लगी फलियाें-सब्जियों को एकत्रित कर जला देना चाहिए. इसके अलावा खेत में लाइट ट्रैप का इस्तेमाल करना चाहिए. लाइट ट्रैप में कीटों को आग अथवा बल्ब की तेज रोशनी की तरफ आकर्षित किया जाता है और उनका निपटान किया जाता है. इसके अलावा फसल में साइपरमेथ्रिन 40 प्रतिशत ई.सी. को प्रति लीटर पानी 1.5 मिली मिलाकर छिड़काव करना चाहिए या इमामेक्टीन बेंजोएट 0.5 प्रतिशत एस.जी. की 1 ग्राम मात्रा 4 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए.
फल सड़न रोग होने पर पौधे की पत्तियों में धब्बे बन जाते हैं. यह रोग जमीन से सटे फलों के हिस्सों पर ज्यादा हमला करता है. इसके प्रबंधन के लिए कॉपर आक्सीक्लोराइड 50 प्रतिशत घुलनशील पाउडर का 3 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से या कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिशत घुलनशील पाउडर का प्रति लीटर पानी में 1 ग्राम का घोल तैयार कर छिड़काव करना चाहिए.
उखड़ा रोग में पौधे की निचली पत्तियां पीली पड़ जाती हैं, जिसके बाद पौधा सूखने लग जाता है. इसके प्रबंधन के लिए आक्रांत फसल पर कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिशत घुलनशील चूर्ण का प्रति लीटर पानी में 1 ग्राम मिला घोल या कासुगामाइसिन 5 प्रतिशत और कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 45 प्रतिशत घुलनशील पाउडर का प्रति लीटर पानी में 4.5 ग्राम मिलाकर तैयार किया गया घोल मिट्टी पर छिड़कना चाहिए.
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