जिंक की कमी, कीट-खरपतवार से कैसे बचाएं फसल? पीएयू वैज्ञानिकों ने बताए 100% असरदार उपाय
17 जुलाई 2025, भोपाल: जिंक की कमी, कीट-खरपतवार से कैसे बचाएं फसल? पीएयू वैज्ञानिकों ने बताए 100% असरदार उपाय – पंजाब के किसानों को अब फसल में जिंक की कमी, खरपतवार और कीटों से बचाव के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू), लुधियाना ने गांव-गांव जाकर किसानों को इसका आसान समाधान समझाया है। हाल ही में पीएयू के फार्म एडवाइजरी सर्विस सेंटर, संगरूर की टीम ने गांव चन्नो में एक खास कैंप लगाया, जिसमें किसानों को धान और बासमती की फसल में पोषक तत्वों और कीट नियंत्रण के लिए सही जानकारी दी गई।
इस कैंप की अध्यक्षता जिला विस्तार वैज्ञानिक डॉ. अशोक कुमार ने की। उन्होंने बताया कि अगर धान के पत्ते पीले या भूरे दिखाई दें या बीच की नस का रंग बदल जाए तो यह जिंक की कमी का संकेत है। ऐसे में बिना देरी किए तुरंत विशेषज्ञों से सलाह लेकर जिंक की कमी को पूरा करना जरूरी है।
ऐसे करें जिंक की कमी दूर
डॉ. अशोक ने बताया, जिन किसानों के खेतों में पिछले साल जिंक की कमी थी, वे धान की बुवाई के समय प्रति एकड़ 25 किलो जिंक सल्फेट हैप्टाहाइड्रेट (21%) या 16 किलो जिंक सल्फेट मोनोहाइड्रेट (33%) जरूर डालें। अगर फसल बढ़ते समय यह समस्या दिखती है तो बुवाई के बाद खेत में 10 किलो जिंक सल्फेट (21%) या 6.5 किलो जिंक सल्फेट मोनोहाइड्रेट (33%) मिट्टी में अच्छी तरह मिलाकर डालें। इससे फसल हरी-भरी और स्वस्थ रहेगी।
कीट और खरपतवार से बचाव के लिए सावधानी जरूरी
किसानों को सलाह दी गई कि कीटनाशक या खरपतवारनाशक मिलाकर कभी भी मनमर्जी से न छिड़कें। फसल में तना छेदक, पत्ता लपेट सुंडी जैसे कीटों की समय पर पहचान कर ही दवा का छिड़काव करें। पीएयू के वैज्ञानिकों ने किसानों को बताया कि दवाओं का छिड़काव तभी करें जब नुकसान आर्थिक स्तर से ज्यादा हो जाए। इससे फसल को नुकसान से बचाया जा सकता है।
किसानों को खेत में पोटाशियम नाइट्रेट के इस्तेमाल और असरदार खरपतवारनाशकों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई। इस कैंप में धातुओं का चूर्ण, बाईपास फैट और पशु चाट के उपयोग के बारे में भी किसानों को समझाया गया।
अमरूद के बागवानों को फलों की मक्खी से बचाव का तरीका
कैंप में अमरूद के किसानों को फल मक्खी से बचाने के लिए “फ्रूट फ्लाई ट्रैप” के उपयोग का भी तरीका सिखाया गया और ट्रैप भी बांटे गए। इस मौके पर गांव भट्टियां खुर्द के किसान सुखपाल सिंह के बाग-बगीचे का दौरा भी किया गया और मौके पर अमरूद की फसल में फल मक्खी को पकड़ने का प्रदर्शन भी किया गया।
किसान मेले की भी दी जानकारी
किसानों को सितंबर महीने में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में लगने वाले किसान मेलों की जानकारी भी दी गई ताकि वे वहां जाकर नई तकनीकें सीख सकें। इस कार्यक्रम में गांव के कई किसान भाइयों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और खेती से जुड़ी अपनी शंकाओं का समाधान पाया।
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