मध्यप्रदेश में झमाझम बारिश: भीमपुर में रिकॉर्ड 175 मिमी, इंदौर में भी 32.2 मिमी पानी गिरा
19 अगस्त 2025, भोपाल: मध्यप्रदेश में झमाझम बारिश: भीमपुर में रिकॉर्ड 175 मिमी, इंदौर में भी 32.2 मिमी पानी गिरा – मध्यप्रदेश में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है। बीते 24 घंटों में प्रदेश के अधिकांश जिलों में कहीं हल्की, तो कहीं भारी बारिश रिकॉर्ड की गई है। रीवा, शहडोल और सागर संभाग के कुछ इलाकों में हल्की बारिश हुई, जबकि जबलपुर संभाग में कई जगहों पर और भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम, उज्जैन संभागों में ज्यादातर स्थानों पर बारिश दर्ज की गई। बाकी संभागों में मौसम मुख्य रूप से शांत रहा। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए रेड और येलो अलर्ट जारी करते हुए अति भारी बारिश, बिजली गिरने और तेज हवाओं की चेतावनी दी है।
बीते 24 घंटों का बारिश का हाल
प्रदेश के भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम और उज्जैन संभागों में अधिकांश स्थानों पर वर्षा दर्ज की गई। जबलपुर संभाग में अनेक स्थानों पर तथा सागर, ग्वालियर और शहडोल संभागों में कुछ जगहों पर वर्षा हुई। रीवा संभाग के कुछ जिलों में भी छिटपुट बारिश देखने को मिली। इसके अलावा शेष संभागों में मौसम सामान्यतः शुष्क रहा।
तापमान में उतार-चढ़ाव
रीवा और शहडोल संभागों के जिलों में अधिकतम तापमान में 2.1 से 2.6 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई। वहीं अन्य संभागों में तापमान में कोई विशेष बदलाव नहीं देखा गया। न्यूनतम तापमान में भी अधिकतर जिलों में स्थिरता रही। हालांकि इंदौर संभाग में रात का तापमान सामान्य से 2.1 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया गया, जबकि शहडोल संभाग में यह सामान्य से 3.5 डिग्री ज्यादा रहा।
प्रदेश के सबसे गर्म और ठंडे शहर
सबसे ज्यादा गर्मी टीकमगढ़ और ग्वालियर में दर्ज की गई, जहां अधिकतम तापमान 35.0°C रहा। इनके बाद भैंसदा (सीहोर) में 34.3°C और नर्मदापुरम में 34.2°C तापमान रहा। सबसे ठंडी रातें खंडवा (18.0°C), खरगौन (18.8°C), और पचमढ़ी (19.6°C) में दर्ज की गईं। यह दर्शाता है कि दक्षिण-पश्चिम मध्यप्रदेश में तापमान अपेक्षाकृत कम बना हुआ है।
कहां कितनी बारिश हुई?
प्रदेश में कई जगहों पर जोरदार बारिश हुई। भीमपुर में सर्वाधिक 175.0 मिमी, सौसर में 132.5 मिमी, कुरई में 115.2 मिमी और पांढुर्णा में 105.3 मिमी वर्षा दर्ज की गई। अन्य उल्लेखनीय वर्षा स्थलों में पुनासा बांध (85.0 मिमी), शाहपुरा-जबलपुर (52.1 मिमी), और इंदौर (32.2 मिमी) शामिल हैं।
अगले 24 घंटों की चेतावनियां
अति भारी वर्षा की चेतावनी (रेड अलर्ट)
छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट और पांढुर्णा जिलों में अगले 24 घंटों में अति भारी वर्षा होने की संभावना है। इन क्षेत्रों में नदियों का जलस्तर बढ़ सकता है और निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन सकती है।
भारी वर्षा और वज्रपात (येलो अलर्ट)
नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन, बड़वानी, डिंडोरी और नरसिंहपुर जिलों में भारी बारिश के साथ तेज हवाएं और बिजली गिरने की आशंका है।
अन्य प्रभावित जिले
भोपाल, इंदौर, उज्जैन, सागर, जबलपुर, रीवा, सतना, गुना, अशोकनगर, टीकमगढ़, शिवपुरी, दतिया, मुरैना, भिंड जैसे जिलों में भी गरज-चमक और आंधी के साथ वर्षा हो सकती है।
हवाओं की गति और तूफान की आशंका
राज्य के कुछ हिस्सों में तेज हवाएं चलीं। नरसिंहपुर में 43 किमी/घंटा की रफ्तार से हवा चली, जबलपुर में 37 किमी/घंटा, उज्जैन में 35 किमी/घंटा, और सीहोर व सागर में 30 किमी/घंटा की रफ्तार दर्ज की गई। आने वाले दिनों में भी कुछ जिलों में झोंकेदार हवाएं चल सकती हैं।
भोपाल का मौसम
राजधानी भोपाल में बीते 24 घंटों के दौरान 32.7°C अधिकतम और 25.0°C न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। शहर में सुबह 8:30 बजे तक 0.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई। नमी का स्तर 89% रहा। आगामी 24 घंटों में भोपाल में दोपहर बाद गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। हवा की गति 10–12 किमी/घंटा रहने की उम्मीद है।
किसानों के लिए विशेष सलाह
मौसम की इस स्थिति को देखते हुए कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को निम्नलिखित सलाह दी है:
1. खेतों से अतिरिक्त पानी की निकासी सुनिश्चित करें, खासकर सोयाबीन, उड़द और मूंग की फसलों में।
2. खेतों की मेढ़ें और नालियों की मरम्मत करें ताकि नमी संरक्षित रह सके।
3. वर्षा के दौरान उर्वरक या कीटनाशक का छिड़काव न करें। मौसम साफ होने का इंतजार करें।
4. बारिश के बाद फफूंदनाशी (जैसे मैनकोज़ेब, कार्बेन्डाज़िम) का छिड़काव करें।
5. धान की फसलों में 5–7 सेमी पानी बनाए रखें और पत्ती मोड़क (लीफ फोल्डर) और शीत ब्लाइट जैसे रोगों की निगरानी करें।
6. सोयाबीन में येलो मोज़ेक वायरस (YMV) और ग्रीन बीटल की रोकथाम के लिए निगरानी करें और कीटनाशक का प्रयोग करें।
7. मक्का व तिलहन फसलों को झुकने से बचाने के लिए मिट्टी से सहारा दें।
8. पशुओं को आंधी-तूफान के दौरान पेड़ों या बिजली के खंभों के नीचे न बांधें। सुरक्षित छायादार स्थानों पर रखें।
9. बीज, चारा और उर्वरक जलरोधी व्यवस्था में सुरक्षित रखें।
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