हरयाणा: 15 दिन नहीं, अब 7 दिन में होगा गन्ना किसानों का भुगतान
06 दिसंबर 2024, जींद: हरयाणा: 15 दिन नहीं, अब 7 दिन में होगा गन्ना किसानों का भुगतान – हरयाणा में गन्ना किसानों की स्थिति सुधारने और चीनी मिलों से उनके जुड़ाव को पुनर्जीवित करने के प्रयास शुरू हो गए हैं। इसी कड़ी में जींद सहकारी चीनी मिल का 40वां पेराई सत्र 2024-25 विधिवत रूप से शुभारंभ हुआ। इस मौके पर हरयाणा सहकारिता, कारागार, विरासत एवं पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने हवन में आहुति डालकर और मिल चेन पर गन्ना डालकर सत्र की शुरुआत की।
डॉ. शर्मा ने कहा कि गन्ना पेराई सत्र किसानों के लिए एक उत्सव की तरह होता है और चार दशक पुरानी इस मिल से किसानों का गहरा जुड़ाव रहा है। उन्होंने शुगर फेडरेशन, मिल प्रबंधन और जनप्रतिनिधियों से मिलकर पुराने गन्ना किसानों को फिर से जोड़ने की मुहिम चलाने का आह्वान किया। साथ ही, उन्होंने कहा कि गन्ना रकबा बढ़ाने और नई तकनीकों के इस्तेमाल से उत्पादन में सुधार लाना जरूरी है।
एक सप्ताह में भुगतान की व्यवस्था पर जोर
मंत्री ने मिल प्रबंधन से आग्रह किया कि गन्ना किसानों को 15 दिन की बजाय एक सप्ताह के भीतर भुगतान सुनिश्चित किया जाए, ताकि किसानों को आर्थिक परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके अलावा, किसानों को अच्छी किस्म के गन्ने की खेती के लिए प्रेरित करने और जागरूकता अभियान चलाने की बात कही गई।
डॉ. शर्मा ने बताया कि पेराई सत्र के दौरान किसानों की सुविधा के लिए मिल में 10 रुपये प्रति थाली भोजन कैंटीन में उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए कैंटीन को तत्काल प्रभाव से शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, एडवांस टोकन सिस्टम को मोबाइल ऐप के माध्यम से लागू किया गया है, जिससे किसान घर से ही ट्रॉली लाने के लिए टोकन बुक कर सकते हैं। इस व्यवस्था को पूरी पारदर्शिता के साथ लागू किया जाएगा।
पेराई सत्र के दौरान किसानों के लिए ठहरने, पानी, बिजली और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पेराई सत्र सुचारू रूप से संचालित हो और किसी भी किसान को कोई परेशानी न हो।
मंत्री ने बताया कि हरियाणा उन गिने-चुने राज्यों में से है, जहां गन्ने का सर्वाधिक भाव दिया जा रहा है। उन्होंने किसानों से चीनी मिल के साथ तालमेल बनाकर गन्ना बेचने की अपील की ताकि किसानों और मिल प्रबंधन दोनों को लाभ हो।
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