किसानों के लिए खुशखबरी: गेंदा फूल की खेती पर बिहार सरकार देगी 50% अनुदान और वाहन सहायता
13 सितम्बर 2025, भोपाल: किसानों के लिए खुशखबरी: गेंदा फूल की खेती पर बिहार सरकार देगी 50% अनुदान और वाहन सहायता – बिहार सरकार ने राज्य के किसानों के लिए एक नई पहल शुरू की है। अब फूलों की खेती को भी प्राथमिकता दी जा रही है। खासतौर पर गेंदा फूल की खेती करने वाले किसानों को सरकार लागत का 50% तक अनुदान देगी। इसके साथ ही, फूलों को बाजार तक ले जाने के लिए मालवाहक वाहन खरीदने पर भी 50% तक की सब्सिडी मिलेगी। इससे किसानों को न सिर्फ आर्थिक मदद मिलेगी, बल्कि उनकी फूलों की उपज आसानी से बाजार तक पहुंचेगी और बेहतर दाम भी मिल सकेंगे।
गेंदा फूल उगाने पर मिलेंगे 40 हजार रुपए
इस योजना के तहत किसान न्यूनतम 0.1 हेक्टेयर से लेकर अधिकतम 2 हेक्टेयर तक जमीन पर गेंदा की खेती कर सकते हैं। सरकार ने प्रति हेक्टेयर लागत को 80,000 रुपये तक तय किया है, जिस पर 50% यानी 40,000 रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा।
किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए अपनी जमीन के कागजात जैसे एलपीसी और जमीन की अपडेट रसीद जमा करना आवश्यक होगा। जिनके पास जमीन नहीं है, वे एकरारनामा के आधार पर भी आवेदन कर सकते हैं। यदि आवेदक का नाम भूमि स्वामित्व या राजस्व रसीद में नहीं है, तो उन्हें वंशावली भी जमा करनी होगी।
मालवाहक वाहन योजना से मिलेगा और फायदा
फूलों की उपज को मंडी या बाजार तक पहुँचाने के लिए सरकार ने मालवाहक वाहन योजना भी शुरू की है। इस योजना में सरकार वाहन की अनुमानित लागत 6,50,000 रुपये मानकर उसके 50% तक की सहायता देती है। यानी 3,25,000 रुपये या वाहन की असली कीमत का आधा, जो भी कम हो, उतनी सहायता मिलेगी।
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान को वाहन का कोटेशन, जमीन के दस्तावेज और गेंदा फूल की खेती का एकरारनामा आवेदन के साथ जमा करना होगा।
आवेदन प्रक्रिया और जानकारी
किसान ऑनलाइन आवेदन कर दोनों योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं और अपनी आय बढ़ा सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए किसान कृषि विभाग के नजदीकी कार्यालय या किसान कॉल सेंटर से संपर्क कर सकते हैं।
आपने उपरोक्त समाचार कृषक जगत वेबसाइट पर पढ़ा: हमसे जुड़ें
> नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, व्हाट्सएप्प
> कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें
> कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: E-Paper
> कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: Global Agriculture