राज्य कृषि समाचार (State News)

सोयाबीन फसल में गर्डल बीटल, इल्ली व पीला मोजेक का प्रकोप, कृषि विभाग ने बचाव की लिए जारी की सलाह

03 सितम्बर 2025, भोपाल: सोयाबीन फसल में गर्डल बीटल, इल्ली व पीला मोजेक का प्रकोप, कृषि विभाग ने बचाव की लिए जारी की सलाह – मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले के कृषि उप संचालक ने जानकारी दी कि जिले में इस वर्ष खरीफ मौसम में 5.13 लाख हेक्टेयर में फसल लगाने का लक्ष्य रखा गया है।  जिले में मुख्य रूप से सोयाबीन की फसल ली जाती है । जिसका लक्ष्य 5.01 लाख हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। चूंकि जिले में खरीफ मौसम में सोयाबीन की फसल ही मुख्य फसल है। जिले में सोयाबीन की फसल लगभग 50 से लेकर 55 दिन की अवस्था में हो गई है। वर्तमान में सोयाबीन की फसल की स्थिती संतोष जनक है। आज दिनांक तक जिले में 536.10 मि.ली. वर्षा हो चुकी है।        

किसानों को सलाह है कि अपने खेत की सतत निगरानी करें। खेत में जा कर 3-4 पौधों को हिला कर देखें कि इल्ली/कीट का प्रकोप तो नहीं है। यदि कहीं पर 1 वर्ग मीटर में 3 से 4 इल्लीयां दिखाई दें तो कीटनाशक का स्प्रे करना चाहिए। जहाँ पर सोयाबीन की फसल घनी होने पर गर्डल बीटल (रिंग कटर) का प्रकोप संभव है।          

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 इसकी पहचान है कि पौधे पर 2 रिंग बने हुए दिखाई देंगे व फसल लटकी हुई मुर्झाई देगी। उसको तोड कर खेत से बाहर फेंक देवे। जिला डायग्नोस्टिक दल एवं मैदानी कृषि अधिकारियों द्वारा क्षेत्र का भ्रमण किया जा रहा है एवं किसानों को कीट व्याधि से बचाव की जानकारी दी जा रही है।        

वर्तमान में सोयाबीन की फसल की स्थिति संतोषजनक है। कुछ क्षेत्रों में कहीं कहीं समतल क्षेत्र में सोयाबीन की फसल पीली होने की जानकारी प्राप्त हो रही है जो समानतः एन्थ्रेक्रोज रोग, पीला मोजेक एवं पोषक तत्वों की कमी के कारण पिरलक्षित हो रही है जिसका नियंत्रण किया जाना संभव है यदि कही पर कीट व्याधी का प्रकोप दिखे तो निम्नानुसार दवाईयों का उपयोग करें।सोयाबीन की मुख्य बीमारियां राईजोटोनिया एरिअल ब्लाईट / एन्थ्राक्रोस । पीला मोजेक मुख्य रोग है। रोग प्रबंधन हेतु सलाह  राईजोटोनिया एरिअल ब्लाईटः इस रोग के लक्ष्ण दिखाई देने पर अनुसंशित फफूंद नाशक फ्लुक्सापग्रोक्साड पायरोक्लोस्ट्रोबीन (300 ग्राम / हेक्टे) या पायरोक्लोस्ट्रोबीन इपोक्कोसीकोनाजोल (750 एम.एल./हेक्टे) का स्प्रे करें।  

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एन्थ्राक्रोसः इस रोग के लक्ष्ण दिखाई देने पर प्रारम्भिक अवस्था में ही इसके नियंत्रण हेतु टेवुकोनाजोल 25.9 EC (625 एम.एल./हेक्टे) टेबुकोनाजोल 38.39 SC (625 एम.एल./हेक्टे) टेबुकोनाजोल 10% + सल्फर 65% WG (1.25 कि.ग्रा./हेक्टे) या कार्बेन्डाजिम 12% + मेन्कोजेब 63% WP (1.25 कि.ग्रा./हेक्टे) या का स्प्रे करें।पीला मोजेक / सोयाबीन मोजेक इसके लक्ष्ण दिखने पर प्रारम्भिक अवस्था में ही रोगग्रस्थ पौधों को उखाड़ कर खेत से बाहर कर देवें। इस रोग को फैलाने वाले वाहक सफेद मक्खी/एफीड है। इसके नियंत्रण हेतु थायोमिथोक्सम 12.60%+लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 09.50% जेड.सी. (125 मिली./हे.) या बीटासायफ्लुझिन+इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली./हे.) का छिडकाव करें। सफेद मक्खी के नियंत्रण हेतु किसान भाई अपने खेत में 20 से 25 स्थानों पर पीली ट्रेप भी लगाए। 

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गर्डल बीटल (रिंग कटर) का प्रकोप: पहचान और समाधान

गर्डल बीटल (रिंग कटर) पत्ती खाने वाली इल्लियों (सेमीलूपर / तम्बाकू/चने की इल्ली) तथा रस चूसने बाले कीट जैसे सफ़ेद मक्खी/जसीड एवं तना छेदक कीटः गर्डल बीटल से प्रभावित पौधे को प्रारंभिक अवस्था में ही तोड कर नष्ट कर देवें। इन कीटों के लक्षण दिखाई देने पर प्रारंभिक अवस्था में ही इसके नियंत्रण हेतु थायक्लोप्रिड 21.7 एस.सी. (750 मिली/हे) या टेट्रानिलिप्रोल 18.18 एस.सी. (250-300 मिली है) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 9.30% + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 09.50% जेड.सी. (125 मिली./हे.) या प्रोफेनोफॉस 50 ई.सी (1 ली. है) या इमामेक्टीन वेन्जोएट (425 स्तुत मिली / है) का छिडकाव पर्याप्त पानी की मात्रा (नेप्सेक स्प्रयेर या ट्रेक्टर चालित स्त्रयेर से 450 लीटर / हे पॉवर स्प्रेयर से 125 लीटर प्रति हे न्यूनतम) का उपयोग करें।

अधिक जानकारी के लिए अपने क्षेत्रिय कृषि विस्तार अधिकारी/कार्यालय वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, कृषि विज्ञान केन्द्र उज्जैन एवं कृषि विभाग उज्जैन पर संपर्क कर सकते है। अन्य कृषि कार्य जो किसान भाई सोयाबीन फसल में कर सकते है।  किसान भाईयों सोयाबीन की फसल में तीन दिन से अधिक जल जमाव नुकसानदायक होता है। अतिरिक्त या अधिक वर्षा होने की स्थिति में खेल से जल निकाश की उचित व्यवस्था करें।घनी फसल होने पर सोयाबीन फसल में गर्डल बीटल (रिंग कटर) का प्रकोप होने की अधिक संभावना होती है अतः सोयाबीन के तने पर 02 रिंग दिखाई देने पर ऐसी मुर्झाई। लटकी हुई ग्रसित पत्तियों को प्रारंभिक अवस्था में तोड कर खेत से बाहर करें।

अपने खेत की नियमित निगरानी करें एवं खेत में जाकर कही कही पर पौधों कर हिलाकर सुनिश्चित करें की आपके खेत में कीट / इल्ली का प्रकोप हुआ है या नहीं यदि 1 वर्ग मिटर में 3-4 इल्ली दिखे तो उपरोक्त अनुसार कीटनियंत्रण करें। सोयाबीन की फसल में पक्षीयों के बैठने हेतु आकार के बर्डप्रचेस लगावें जिसपर पक्षी बैठकर सोयाबीन के हानिकार कीट / इल्ली को खाकर कीट की संख्या कम करेंगे।किसान भाईयों जब भी किसी भी प्रकार की कृषि आदान (उर्वरक/बीज/कीटनाशक) सामग्री खरीदते हैं तो संबंधित दुकान से पक्का बिल जरूर लेवें।

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