राज्य कृषि समाचार (State News)

राजस्थान के भीलवाड़ा जिले को एग्रीबॉट ड्रोन की सौगात : डॉ. कर्नाटक

22 अप्रैल 2023, भीलवाडा राजस्थान के भीलवाड़ा जिले को एग्रीबॉट ड्रोन की सौगात : डॉ. कर्नाटक – महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर के कुलपति डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक ने बताया कि  भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् नई दिल्ली से इस विश्वविद्यालय को दो एग्रीबॉट ड्रोन मिले हंै जिसमें एक ड्रोन प्रसार शिक्षा निदेशालय उदयपुर एवं दूसरा कृषि विज्ञान केन्द्र भीलवाड़ा को मिला है जिससे मेवाड़ के किसानों को नई कृषि तकनीकी की सौगात मिली है।

प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. आर.ए. कौशिक ने बताया कि ड्रोन के माध्यम से सभी तरह की फसलें, सब्जियाँ एवं मातृवृक्ष बगीचों में दवा का छिडक़ाव किया जा सकता है एवं किसानों के स्वास्थ्य की दृष्टि से भी अनुकूल है।

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कृषि विज्ञान केन्द्र भीलवाड़ा पर एग्रीबॉट ड्रोन लांच किया गया जिसमें केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. सी.एम. यादव ने बताया कि जिले में किसानों के खेत पर ड्रोन द्वारा तरल उर्वरक, खरपतवारनाशी, रोग एवं कीटनाशक दवाईयों के छिडक़ाव से पानी, समय एवं श्रम की बचत होगी।

प्रोफेसर डॉ. के. सी. नागर द्वारा एग्रीबॉट ड्रोन के पार्ट्स एवं संचालन की कार्य प्रणाली पर प्रशिक्षण प्राप्त किया गया।

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केन्द्र पर स्थापित एग्रीबॉट ड्रोन की विशेषताओं के बारे में जानकारी देते हुए इंजी. शिवम रावत ने बताया कि ड्रोन का वजन 14.9 किलोग्राम है तथा 10 लीटर भराव क्षमता का टैंक है। इस प्रकार ड्रोन का कुल वजन 24.9 किलोग्राम होता है।  ड्रोन एक एकड़ खेत में दवा का छिडक़ाव 6 से 7 मिनिट में कर सकता है। ड्रोन में आगे पीछे एवं नीचे तीन सेंसर लगे हुए हंै जिससे ड्रोन पेड़ एवं तार से नहीं टकराता है। ड्रोन में चार नोजल लगे होते हैं जो स्प्रे करते हैं। नोजल पानी की एक बूंद को 220 माइक्रोन में विभाजित करती है। ड्रोन में छ: प्रोपेलर (पंखुडिय़ा) तीन क्लॉक वाइज एवं तीन एन्टी क्लॉक वाइज लगे होते है। ड्रोन में तीन फिल्टर लगे होने से कचरा नहीं आता है। ड्रोन चार किलोमीटर की दूरी तक एवं 80 मीटर ऊँचाई से दवा का छिडक़ाव कर सकता है।

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वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता श्री प्रकाश कुमावत ने बताया कि एग्रीबॉट ड्रोन से दवा का छिडक़ाव करने से किसानों को प्रति हेक्टर लागत कम आयेगी।

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