FPO किसानों से फसल खरीदने तक ही सीमित न रहें, उत्पाद की प्रोसेसिंग कर लाभ भी अर्जित करें: CM यादव
07 अगस्त 2025, भोपाल: FPO किसानों से फसल खरीदने तक ही सीमित न रहें, उत्पाद की प्रोसेसिंग कर लाभ भी अर्जित करें: CM यादव – मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए संकल्पित है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत @2047 के संकल्प में मध्यप्रदेश की अहम भूमिका होगी। इसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार ने हर क्षेत्र में काम शुरू कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में सिंचाई का रकबा बढ़कर लगभग 55 लाख हेक्टेयर हो गया है और 32 लाख सोलर पंप किसानों को दिए जा रहे हैं ताकि उन्हें बिजली बिल से राहत मिले। फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए राज्य लगातार प्रयास कर रहा है।
एफपीओ सिर्फ खरीद तक न रहें सीमित, प्रोसेसिंग कर लाभ कमाएं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) केवल किसानों से फसल खरीदने तक सीमित न रहें, बल्कि उत्पादों की प्रोसेसिंग करके उन्हें बाजार में बेचें। इससे किसानों को सीधे लाभ मिलेगा और आय भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में मध्यप्रदेश को अग्रणी राज्य बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को राज्य कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण संस्था में “समृद्ध एफपीओ-आत्मनिर्भर किसान-विकसित भारत” संकल्प के अंतर्गत एफपीओ फेडरेशन मध्यप्रदेश द्वारा आयोजित एफपीओ डायरेक्टर समिट-2025 को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
फूड प्रोसेसिंग को 95% तक ले जाने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने फूड प्रोसेसिंग को 5% से बढ़ाकर 95% तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए किसानों को इससे जोड़ा जा रहा है। मालवा क्षेत्र में आलू चिप्स निर्माण के लिए बड़ा उद्योग भी स्थापित किया जा रहा है। एफपीओ को वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स में भी योगदान देने की सलाह दी गई। रोजगार आधारित उद्योग लगाने पर सरकार की ओर से महिला कर्मचारियों को ₹6000 और पुरुषों को ₹5000 मासिक वेतन में अनुदान 10 वर्षों तक मिलेगा।
विश्व में मध्यप्रदेश के जैविक कपास की है खास मांग
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जैविक कपास का उत्पादन उच्च गुणवत्ता वाला है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में खास मांग है। चीन और वियतनाम अपने कपास को मध्यप्रदेश के नाम से बेच रहे हैं क्योंकि वहां का कपास उतना अच्छा नहीं माना जाता।
मुख्यमंत्री ने बताया कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार भारतीय किसान संघ और मालवम फेडरेशन जैसे संगठनों के सहयोग से योजनाएं चला रही है। गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़ाकर ₹2600 प्रति क्विंटल कर दिया गया है और तुअर दाल से टैक्स हटाया गया है।
फूड प्रोसेसिंग के साथ मिल्क प्रोसेसिंग को भी मिलेगा बढ़ावा
सरकार मोटा अनाज (कोदो-कुटकी) भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदेगी। दूध उत्पादन को 9% से 20% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना के तहत गाय-भैंस जैसे दुधारू पशु सब्सिडी पर दिए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फूड प्रोसेसिंग के साथ-साथ मिल्क प्रोसेसिंग और मिल्क प्रोडक्ट के उत्पादन को भी बढ़ावा दिया जाएगा ताकि किसानों को और अधिक आय प्राप्त हो।
प्रदेश में खाद की कमी नहीं, बारिश से हुए नुकसान पर मिलेगा मुआवजा
कृषि मंत्री एदल सिंह कंषाना ने कहा कि प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है। 14 लाख मीट्रिक टन यूरिया और 12 लाख मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध है। 10 लाख मीट्रिक टन यूरिया किसानों को बांटा जा चुका है। उन्होंने बताया कि बारिश से हुए नुकसान के लिए राज्य सरकार उचित मुआवजा देगी।
भारतीय किसान संघ ने एफपीओ के लिए दी सलाह
भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. साई रेड्डी ने कहा कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य में किसानों और एफपीओ की बड़ी भूमिका होगी। एफपीओ आपस में सहयोग करें तो प्रगति निश्चित है। दिनेश कुलकर्णी ने कहा कि एफपीओ को मार्केटिंग और प्रोसेसिंग का नियमित प्रशिक्षण मिलना चाहिए। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर माही फेडरेशन और 6 राज्यों में राज्यस्तरीय फेडरेशन बनाए गए हैं, जिनमें से मालवम फेडरेशन मध्यप्रदेश का है।
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