मंदसौर में एफपीओ बनाएंगे जैव उर्वरक उत्पादन इकाइयाँ, किसानों को मिलेगा लाभ
19 अगस्त 2025, मंदसौर: मंदसौर में एफपीओ बनाएंगे जैव उर्वरक उत्पादन इकाइयाँ, किसानों को मिलेगा लाभ – कृषि विज्ञान केंद्र मंदसौर में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनुकूल जैन की अध्यक्षता में एक अहम बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिले में जैव उर्वरक उत्पादन इकाइयों की स्थापना और जैविक खेती कर रहे किसानों के स्थानीय प्रमाणीकरण को लेकर दिशा-निर्देश दिए गए।
बैठक में जिले के किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) ने भाग लिया। इस दौरान जैव उर्वरकों के प्रकार और उनकी आवश्यकता पर चर्चा की गई। बैठक में 6 एफपीओ ने जैव उर्वरक उत्पादन इकाइयों की स्थापना पर सहमति जताई। इन इकाइयों के माध्यम से राइजोबियम, एजोक्टोबैक्टर, पी.एस.बी. और ट्राइकोडर्मा का उत्पादन किया जाएगा। किसानों को यह जैव उर्वरक स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध होंगे।
सीईओ जैन ने आश्वासन दिया कि जिला प्रशासन एफपीओ को हर संभव सहयोग देगा। वहीं, नाबार्ड के जिला प्रबंधक योगेश सैनी ने सरकारी योजनाओं के माध्यम से इकाइयों की स्थापना संबंधी जानकारी दी।
किसानों के लिए स्थानीय स्तर पर प्रमाणीकरण
बैठक का दूसरा महत्वपूर्ण मुद्दा किसानों का जैविक प्रमाणीकरण रहा। सीईओ जैन ने कृषि, उद्यानिकी और बीज प्रमाणीकरण अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले और विकासखंड स्तर पर समितियां गठित कर किसानों के प्रमाणीकरण की प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण की जाए। इससे किसानों को उनके जैविक उत्पाद का उचित मूल्य मिलेगा और जिलेवासियों को जैविक खाद्यान्न, फल और सब्जियां आसानी से उपलब्ध हो सकेंगी।
विशेषज्ञों का मार्गदर्शन
वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. जी.एस. चुंडावत ने विभिन्न कल्चर और उनकी उपयोगिता पर तकनीकी जानकारी साझा की। सहायक बीज प्रमाणीकरण अधिकारी रामेश्वर पाटीदार ने जैविक प्रमाणीकरण की रूपरेखा प्रस्तुत की। उप संचालक कृषि डॉ. रविंद्र मोदी ने किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन और जैविक उत्पादों की बिक्री व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए प्रेरित किया।
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