राज्य कृषि समाचार (State News)

भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान का स्थापना दिवस समारोह सम्पन्न

26 दिसम्बर 2020, इंदौर। भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान का स्थापना दिवस समारोह सम्पन्न भा.कृ.अ. परिषद से संबद्ध भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर का 34वां स्थापना दिवस समारोह 11 दिसंबर को ज़ूम एप पर आभासी रूप से आयोजित किया गया, जिसमें 250 से अधिक शोधकर्ता, अधिकारी, विद्वान और कर्मचारी शामिल हुए। संस्थान के संस्थापक निदेशक स्व. डॉ. पी.एस. भटनागर की स्मृति में व्याख्यान कक्ष उनके नाम पर करके उनके योगदान को याद किया गया। साथ ही प्रगतिशील सोयाबीन उत्पादक किसानों और संस्थान के सेवानिवृत कर्मचारियों को सम्मानित किया गया।

संस्थान की कार्यवाहक निदेशक डॉ . नीता खांडेकर ने अपने स्वागत भाषण में संस्थान की शोध उपलब्धियों की जानकारी देकर बताया कि भारत सरकार के कृषि विभाग से इस वर्ष सोयाबीन की 15 किस्मों को अधिसूचित किए जाने की स्वीकृति मिली है, जिसमे म.प्र. के लिए उपयुक्त शीघ्र समयावधि वाली किस्म एन.आर.सी.130 शामिल है। विशिष्ट अतिथि डॉ . एस. के .झा सहायक महानिदेशक, (दलहन और तिलहन) ने सोयाबीन उत्पादन की उन्नत तकनीकों और नई किस्मों के विकास में संस्थान के योगदान पर संतोष व्यक्त कर कहा कि पूरे देश में 120 लाख टन हेक्टेयर में सोयाबीन उगाई जाती है जिसके लिए करीब 35.6 क्विंटल प्रमाणित बीज की ज़रूरत होती है। आपने प्रजनक बीज उत्पादन हेतु ऑफ़ सीजन बीज उत्पादन कार्यक्रम के लिए संस्थान की प्रशंसा भी की। मुख्य अतिथि डॉ .जे.एस.संधू (कुलपति श्री करण नरेंद्र कृषि वि.वि .जोबनेर राजस्थान) ने संस्थान के व्याख्यान कक्ष को संस्थापक निदेशक स्व.डॉ .पी.एस. भटनागर की स्मृति में समर्पित कर पहली बार व्याख्यान की शुरुआत की। उन्होंने डॉ. भटनागर के व्यक्तित्व के साथ ही उनके द्वारा संस्थान के लिए किए गए योगदान की प्रशंसा कर सोयाबीन को औद्योगिक फसल के रूप में मान्यता देने का श्रेय डॉ. भटनागर को दिया।

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इस मौके पर संस्थान के सेवानिवृत्त कर्मचारियों डॉ. ओमप्रकाश जोशी (प्रधान वैज्ञानिक), श्री महावीर सिंह राठौर (तकनीकी अधिकारी) और श्रीमती प्रकाशवती सुरा को उनकी सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया। इसके साथ ही विभिन्न राज्यों में सोयाबीन का उच्चतम उत्पादन लेने वाले चयनित प्रगतिशील कृषकों श्री उमेश चिगड़ी (कर्नाटक), श्री सरसन अमरेंद्र रेड्डी (तेलंगाना), श्री विजयराव पंजजीराव अम्बोर (महाराष्ट्र), श्री राजेंद्र नागर कोटा (राजस्थान) और श्री मेहरबानसिंह इंदौर (म.प्र.) को पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। इसके अलावा संस्थान के दो प्रकाशनों प्रमुख सोयाबीन राज्यों के प्रगतिशील कृषकों की सफलता गाथा पर ई पुस्तक और सोया वृत्तिका के प्रथम अंक का विमोचन किया गया। साथ ही जी.आई.जी .डब्ल्यू.और एस.टी.क्यू.सी. अनुरूप डॉ. सविता कोल्हे और उनकी टीम द्वारा विकसित संस्था की नई वेबसाइट का भी अनावरण किया गया। डॉ. एस.के. शर्मा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि यह सब सदस्यों का नैतिक दायित्व है कि किसान समुदाय की सेवा के लिए अपनी प्रतिबद्धता की सामूहिक जि़म्मेदारी साझा करें। धन्यवाद ज्ञापन आयोजन समिति के सचिव वैज्ञानिक डॉ .बी.यू. दुपारे ने किया।

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