आवश्यक पोषक तत्व वाले उर्वरकों की आपूर्ति किया जाना चाहिये
30 नवंबर 2024, भोपाल: आवश्यक पोषक तत्व वाले उर्वरकों की आपूर्ति किया जाना चाहिये – मध्यप्रदेश वर्तमान में प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्य है। प्रदेश में गेहूं की औसत उत्पादकता 20 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है, जो राष्ट्रीय औसत उत्पादकता 30 से 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से काफी कम है।
राज्य में गेहूं का उत्पादन कम होने का प्रमुख कारण असंतुलित उर्वरक उपयोग एवं पौषक तत्व प्रबंधन की कमी है। चूंकि गेहूं की फसल अधिकतम पोषक तत्व चाहने वाली फसल है। इसलिये आवश्यक पोषक तत्व के अभाव में गेहूं में कई तरह के कीट एवं रोग भी लगते हैं जिससे गेहूं का उत्पादन प्रभावित होता है। गेहूं की बुवाई के दौरान आधार खाद के रूप में आवश्यक पौषक तत्व वाले उर्वरकों की आपूर्ति किया जाना चाहिये। वर्तमान में सिक्स इन वन पोषक तत्व वाली खाद उपलब्ध है जिसके उपयोग से गेहूं का उत्पादन सर्वाधिक लिया जा सकता है। उत्तम किस्म का गेहूं तभी प्राप्त होगा जब हम पोषक तत्व आधारित गेहूं उपयोग में लेंगे। गेहूं की फसल के लिये प्राथमिक पोषक तत्व नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश है। द्वितीयक पोषक तत्व मैग्नीशियम, सल्फर एवं कैल्शियम है। अन्य माइक्रोन्यूट्रिएंट्स जैसे मैगनीज, बोरोन, जिंक, आयरन, कॉपर, निकल एवं कोबाल्ट भी गेहूं के बेहतर एवं गुणवत्ता युक्त उत्पादन के लिये जरूरी है। ग्रोनोमिस्ट श्री प्रमोद कुमार पाण्डेय के अनुसार गेहूं की फसल में विभिन्न पोषक तत्वों जैसे नत्रजन, फास्फोरस, पोटैशियम, मैगनीज, तांबा, लोहा, सल्फर, कैल्शियम, जिंक एवं बोरान की पौधों में कमी के लक्षण जैसे- पौधों का रंग हल्का हरा होना, बढ़वार सामान्य से कम और आकार नुकीला होना। कन्सों की संख्या में कमी, तना पतला तथा बालियों का आकार में छोटी होना। पत्तियों का रंग गहरा हरा, बैंगनी, अग्रभाग का सूखकर पीला पड़ना इत्यादि।
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