State News (राज्य कृषि समाचार)

प्याज -लहसुन के गिरते भावों से किसान चिंतित, निर्यात खोलने की मांग

Share

24 अगस्त 2022, इंदौर: प्याज -लहसुन के गिरते भावों से किसान चिंतित , निर्यात खोलने की मांग – इन दिनों पूरे मालवा- निमाड़ में प्याज, लहसुन और आलू के भाव नहीं मिलने से क्षेत्र के करीब 20 जिलों के किसान चिंतित हैं। मंडियों में लहसुन 1 रुपया , प्याज 5 और आलू 6 से 7 रु किलो में बिकने से किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है। इससे किसानों में आक्रोश है। संयुक्त किसान मोर्चा ने आलू, प्याज और लहसुन का निर्यात खोलने की मांग की है। मोर्चे के अनुसार कई जगह आंदोलन शुरू हो गए हैं । इंदौर में भी आंदोलन की रुपरेखा बनाई जा रही है।

संयुक्त किसान मोर्चा के श्री रामस्वरूप मंत्री और श्री बबलू जाधव ने बताया कि दो माह पूर्व इंदौर के सांसद श्री शंकर लालवानी ने मीडिया से चर्चा में कहा था कि उन्होंने देश के कृषि मंत्री और वाणिज्य मंत्री से चर्चा की है और किसानों की शिकायत उन तक पहुंचाई है कि आलू ,प्याज और लहसुन के भाव अत्यंत गिर जाने से किसान परेशान हैं । जिस पर दोनों मंत्रियों ने विश्वास दिलाया था कि आलू ,प्याज और लहसुन का निर्यात खोल दिया जाएगा,जिससे इन वस्तुओं के भाव फिर से ठीक हो जाएंगे और किसानों को नुकसान नहीं होगा। श्री लालवानी ने यह भी कहा था कि निर्यात खोलने के आदेश निकाल दिए गए हैं। जबकि हकीकत यह है कि दो माह बाद भी न तो आदेश आया ,न निर्यात चालू हुआ और न ही आलू ,प्याज और लहसुन के दाम बढ़े हैं।

महत्वपूर्ण खबर: बुरहानपुर में दुकानदार का उर्वरक प्राधिकार पत्र निलंबित

किसान नेता द्वय ने कहा कि अभी भी इंदौर -उज्जैन संभाग की सभी मंडियों में आलू, प्याज और लहसुन अत्यंत नीचे दाम पर बिक रहे हैं। लहसुन तो 50 पैसे किलो तक बिका है। जिससे किसानों की लागत तो क्या मंडी तक लाने का किराया भी नहीं निकला है । इससे पूरे क्षेत्र के किसानों में आक्रोश है। देवास,शाजापुर ,उज्जैन, मंदसौर,रतलाम,जावरा ,नीमच आदि जिलों में आंदोलन शुरू हो गया है। इंदौर में भी संयुक्त किसान मोर्चा आलू ,प्याज़ और लहसुन के लाभकारी मूल्य दिलाने तथा प्याज और सोयाबीन के भावांतर की राशि का भुगतान किए जाने की मांग को लेकर आंदोलन की रूपरेखा बना रहा है। आपने सांसद श्री लालवानी से भी मांग की है कि वे दो माह पूर्व किए अपने वादे के साथ ही केंद्रीय कृषि मंत्री और वाणिज्य मंत्री द्वारा किए गए निर्यात खोलने के वादे को पूरा करने का प्रयास करें, अन्यथा किसानों के रोष का सामना करना पड़ेगा।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़ ,  टेलीग्राम )

Share
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *