एमपी में मक्का की खेती करने की तरफ किसानों का रुख
26 जून 2025, भोपाल: एमपी में मक्का की खेती करने की तरफ किसानों का रुख – मध्यप्रदेश के किसान अब सोयाबीन के अलावा मक्का की खेती करने की तरफ भी रुख कर रहे है। दरअसल किसानों का यह कहना है कि सोयाबीन से खेती उन्हें मुनाफा ना के बराबर हो रहा है, यही नहीं बल्कि लागत भी निकालना मुश्किल हो रही है।
ऐसे में अब सोयाबीन के साथ साथ मक्के की बुवाई कर रहे है, जिससे उन्हें अच्छे उत्पादन के अलावा मुनाफा भी हो सके। प्रदेश में अधिकतर जगहों पर किसान इस बार सोयाबीन की जगह मक्का की बुवाई कर रहे हैं। पिछले तीन वर्षों से सोयाबीन के कम दाम और फसल में लगने वाले रोग इस बदलाव का मुख्य कारण हैं। किसानों का यह कहना है कि सोयाबीन का भाव पिछले तीन साल से 4 हजार प्रति क्विंटल पर स्थिर है। रोगों के कारण प्रति बीघा उपज 3 क्विंटल से भी कम हो गई है। सोयाबीन की खेती में प्रति बीघा 10 हजार रुपए का खर्च आता है। आय करीब खर्च के बराबर या कभी-कभी घाटा भी होता है। मक्के का औसत भाव 2 हजार प्रति क्विंटल से अधिक रहता है। प्रति बीघा 15 क्विंटल तक उपज मिलने की संभावना है। मानसून की शुरुआत के साथ यह बदलाव प्रदेश के किसानों के लिए नई दिशा साबित हो सकता है। इस प्रयोग की सफलता से क्षेत्र में सोयाबीन पर निर्भरता कम होगी और खेती में विविधता बढ़ेगी। मक्का की खेती में किसानों को अच्छी कमाई की उम्मीद है। एक बीघा मक्के में बुवाई से कटाई तक 15,000 रुपए की लागत आती है। प्रति बीघा 15 क्विंटल से अधिक उपज मिलती है। मक्के का बाजार भाव 2,400 रुपए प्रति क्विंटल से अधिक है। मध्य प्रदेश सरकार मक्का की खेती पर 4,000 रुपए प्रति हेक्टेयर का अनुदान दे रही है।
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