कृषक साधारण उपायों से सुरक्षित करें फसल
दमोह। मौसम विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश के कई जिलों में तापमान तेजी से कम होने तथा की संभावना बताई गई हैं। कुछ क्षेत्रों में तापमान 4 डिग्री से. से कम रह सकता हैं।
कलेक्टर डॉ. श्रीनिवास शर्मा ने जिले के किसान भाईयों को सलाह देते हुये कहा है तापमान में होने वाली इस गिरावट का असर फसलों पर पाले के रूप में होने की आशंका रहती हैं।
उन्होंने कहा कि रात्रि में खेत मेड़ों पर कचरा तथा खरपतवार आदि जलाकर विशेष रूप से उत्तर-पश्चिम छोर से धुआं करें जिससे की धुएं की परत फसलों के ऊपर आच्छादित हो जाये। फसलों में खरपतवार नियंत्रण करना भी आवश्यक हैं क्योंकि खेतों में उगने वाले अनावश्यक तथा जंगली पौधे सूर्य की उष्मा भूमि तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। उपसंचालक कृषि श्री बी.एल. कुरील ने इस संबंध में बताया भारत सरकार कृषि मंत्रालय द्वारा अनुसंशित सलाह के अनुसार शुष्क भूमि में पाला पडने का जोखिम अधिक होता हैं, अत: फसलों में स्प्रिंकलर के माध्यम से हल्की सिंचाई करें। थायो यूरिया की 500 ग्राम मात्रा का 1000 लीटर पानी में घोल बनाकर 15-15 दिन के अंतर से छिड़काव भी पाले के विरूद्ध उपयोगी उपाय हैं।
8 से 10 किलोग्राम सल्फर डस्ट प्रति एकड का भुरकाव अथवा वेटेबल या घुलनशील सल्फर 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करने से भी पाले के असर को नियंत्रित किया जा सकता हैं।
उन्होंने मैदानी कार्यकर्ताओं के द्वारा कृषकों को सूचित करने के साथ ग्रामीण स्तर पर डोंडी पिटवाने तथा समाचार माध्यमों और स्थानीय इलेक्ट्रानिक चैनलों के द्वारा भी किसानों को सचेत करने के निर्देश दिये गये हैं। अधिकारियों से सघन भ्रमण कर स्थिति पर नजर रखने के लिये भी कहा गया हैं, साथ ही जिला स्तर पर समसामयिक सलाह हेतु नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है, जिसके नोडल अधिकारी सहायक संचालक कृषि शंकरलाल कुर्मी, एवं सहायक नोडल अधिकारी जिला सलाहकार गिरवर पटैल को अधिकृत किया गया है। विकासखण्ड स्तर पर समस्त वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी को नियुक्त किया गया है। वे किसानों को पाला एवं तुषार से बचाव हेतु नियमित रूप से सलाह देंगे।