राज्य कृषि समाचार (State News)

किसान संगठन ने मुख्यमंत्री को लिखी चिट्ठी

किसानों को भुगतान और धोखेबाज़ व्यापारियों पर कार्रवाई की मांग  

17 फरवरी 2022, इंदौर ।  किसान संगठन ने मुख्यमंत्री को लिखी चिट्ठी – किसानों से उपज खरीदने के बाद उन्हें भुगतान नहीं करके फरार होने की घटनाएं बढ़ती ही जा रही है। ताज़ा मामला इंदौर के भमोरी क्षेत्र में धोखेबाज़  संचालकों द्वारा  ट्रेडिंग कम्पनी खोलकर 200 से अधिक किसानों से डेढ़ करोड़ से भी ज़्यादा का आलू -प्याज़ खरीदकर बगैर भुगतान किए फरार होने का सामने आया है। इस मामले में भारतीय किसान एवं मजदूर सेना (अ ) ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर  किसानों को तुरंत भुगतान और धोखेबाज़ व्यापारियों पर कार्रवाई की मांग की है।

भारतीय किसान एवं मजदूर सेना (अ ) के प्रादेशिक अध्यक्ष श्री बबलू जाधव ने कृषक जगत को बताया कि इंदौर के भमोरी क्षेत्र में अंकित विश्वकर्मा और उसके साथी सचिन सिंह ने मुकाती ट्रेडिंग के नाम से ऑफिस खोला और शिप्रा,सांवेर,मांगलिया और देवास के 200  से अधिक किसानों से डेढ़ करोड़ रु से अधिक का आलू -प्याज़ ख़रीदा और किसानों को भुगतान किए बिना फरार हो गए। ठगाए किसानों ने विजय नगर थाने में शिकायत कर मामला दर्ज़ भी कराया ,लेकिन धोखेबाज़ व्यापारियों पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर अपेक्षा की गई है कि मुख्यमंत्री तत्काल इस मामले में संज्ञान लेंगे और मंडी बोर्ड को मंडी निधि से किसानों को भुगतान और धोखेबाज़ व्यापारियों पर त्वरित कार्रवाई के आदेश देंगे।

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उल्लेखनीय है कि किसानों से उपज खरीदने के बाद भुगतान नहीं करके फरार होने का यह कोई पहला मामला नहीं है। बीते कुछ अर्से में मालवा -निमाड़ में ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं। तीन साल पहले इंदौर मंडी के लायसेंसधारी खंडेलवाल फर्म के सदस्यों द्वारा इंदौर जिले के करीब 186 किसानों से 2 करोड़ 85 लाख का  गेहूं खरीदकर बिना भुगतान किए फरार होने का मामला सुर्ख़ियों में आया था। अपना भुगतान पाने के लिए किसानों ने खूब संघर्ष किया। अंततः धोखेबाज़ व्यापारियों की संपत्ति नीलाम कर भुगतान करने और जब तक संपत्ति नीलाम न हो तब तक किसानों को मंडी निधि से भुगतान किए जाने का फैसला हुआ था।  इस संबंध में इंदौर कलेक्टर ने मंडी बोर्ड के चैयरमैन और संचालक को प्रस्ताव बनाकर भी भेजा था। संबंधित व्यापारियों के खिलाफ आरआरसी की कार्रवाई प्रचलित है। मामला अभी भी लंबित है और किसानों को भुगतान नहीं हुआ है।

 

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