राजस्थान के किसान e-NAM पर फसल बेचकर हुए मालामाल, मिला 2.50 लाख का नकद इनाम
08 जुलाई 2025, भोपाल: राजस्थान के किसान e-NAM पर फसल बेचकर हुए मालामाल, मिला 2.50 लाख का नकद इनाम – राजस्थान सरकार द्वारा किसानों को डिजिटल प्लेटफॉर्म e-NAM और ई-पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए लागू की गई ‘कृषक उपहार योजना’ के तहत कोटा के एक किसान को 2.50 लाख रुपये का प्रथम पुरस्कार मिला है। यह इनाम उन्हें e-NAM पर फसल बेचने और भुगतान ऑनलाइन लेने के लिए मिला है।
राज्य स्तरीय पुरस्कारों का वितरण कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के शासन सचिव राजन विशाल द्वारा राजधानी जयपुर स्थित पंत कृषि भवन में किया गया। इस मौके पर आयोजित ऑनलाइन राज्य स्तरीय लॉटरी के माध्यम से चयनित किसानों को नकद पुरस्कार राशि के चेक देकर सम्मानित किया गया।
शासन सचिव ने किसानों को बधाई देते हुए कहा, “कृषक उपहार योजना किसानों को डिजिटलीकरण की ओर प्रोत्साहित करती है। इससे उन्हें पारदर्शी व्यापार, समय पर भुगतान और अतिरिक्त लाभ का अवसर मिलता है।”
जानिए किसे मिला कितना पुरस्कार
1. प्रथम पुरस्कार ₹2.50 लाख – श्री गोलू (मनजीत सिंह), कृषि उपज मंडी कोटा
2. द्वितीय पुरस्कार ₹1.50 लाख – श्री ओम प्रकाश, कृषि मंडी हनुमानगढ़
3. तृतीय पुरस्कार ₹1 लाख – श्री रामभरोस, कृषि उपज मंडी कोटा
इन किसानों का चयन राज किसान पोर्टल पर पंजीकृत, e-NAM पर फसल विक्रय और ई-पेमेंट लेने वाले किसानों के बीच राज्य स्तरीय ऑनलाईन लॉटरी प्रक्रिया के जरिए हुआ।
पुरस्कार राशि कैसे दी जाती है?
चयनित किसानों को उनकी संबंधित मंडी समितियों द्वारा पुरस्कार की राशि चेक के माध्यम से दी जाती है। इसके बाद मंडी समिति यह राशि राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड से पुनर्भरण के रूप में प्राप्त करती है।
कृषक उपहार योजना में कितने स्तरों पर मिलता है पुरस्कार?
राज्य स्तर (साल में एक बार)
1. प्रथम पुरस्कार – ₹2,50,000
2. द्वितीय पुरस्कार – ₹1,50,000
3. तृतीय पुरस्कार – ₹1,00,000
मंडी स्तर (हर 6 महीने)
1. प्रथम पुरस्कार – ₹25,000
2. द्वितीय पुरस्कार – ₹15,000
3. तृतीय पुरस्कार – ₹10,000
खण्ड स्तर (हर 6 महीने)
1. प्रथम पुरस्कार – ₹50,000
2. द्वितीय पुरस्कार – ₹30,000
3. तृतीय पुरस्कार – ₹20,000
डिजिटल और पारदर्शी कृषि की ओर राज्य का कदम
राजस्थान सरकार की यह योजना किसानों को पारंपरिक तरीकों से हटकर डिजिटल, पारदर्शी और सुरक्षित व्यापार प्रणाली की ओर प्रेरित करती है। इससे जहां किसानों की आमदनी समय पर और सीधी होती है, वहीं बिचौलियों की भूमिका खत्म होती है।
इस अवसर पर संयुक्त सचिव वित्त विभाग डॉ. भारती दीक्षित, निदेशक कृषि विपणन श्री राजेश कुमार चौहान, योजना प्रभारी श्री प्रमोद सत्या सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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