स्मार्ट खेती से समृद्ध हुए छत्तीसगढ़ के किसान: AI तकनीक और वैरायटी क्रॉपिंग से बढ़ रही आमदनी
21 जुलाई 2025, भोपाल: स्मार्ट खेती से समृद्ध हुए छत्तीसगढ़ के किसान: AI तकनीक और वैरायटी क्रॉपिंग से बढ़ रही आमदनी – छत्तीसगढ़ का धमतरी ज़िला इन दिनों प्रगतिशील विकास का बेहतरीन उदाहरण बनता जा रहा है। यहां खेती, सिंचाई, पशुपालन, तकनीक, बैंकिंग और पर्यावरण अनुकूल खेती में तेजी से सुधार हो रहा है। यह बदलाव सिर्फ सरकारी योजनाओं से नहीं बल्कि किसानों, पंचायतों और स्थानीय लोगों की मेहनत से भी संभव हो पाया है। खासतौर पर कलेक्टर अभिनाश मिश्रा की दूरदर्शिता और जमीनी स्तर पर की गई मेहनत से जिले में विकास की रफ्तार तेज हुई है।
भंडारण और मंडी सिस्टम में सुधार
किसानों की सबसे बड़ी समस्या उनकी उपज का भंडारण और बिक्री है। अब धमतरी जिले की समितियों में नए गोदाम बनाए जा रहे हैं ताकि किसान अपनी फसल को बिना किसी जल्दीबाज़ी के सुरक्षित रख सकें। इसके अलावा धमतरी, कुरुद और नगरी मंडियों का आधुनिकरण किया गया है। किसानों को साफ-सुथरा वातावरण, सटीक तौल और डिजिटल पेमेंट की सुविधा मिल रही है। इससे बिचौलियों की दखलअंदाजी भी कम हुई है।
एआई और आईओटी से खेती का स्मार्ट मॉडल
धमतरी के कुरुद ब्लॉक के 20 गांवों के 200 किसानों के खेतों में अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) का उपयोग हो रहा है। इन तकनीकों से मिट्टी की नमी, तापमान, फसल की हालत और कीटों पर तुरंत जानकारी मिलती है। साथ ही पांच पंचायतों में वेदर स्टेशन लगाए गए हैं ताकि किसानों को मौसम की सटीक जानकारी मिल सके। यह एक ट्रायल प्रोजेक्ट है जिसे सफलता के बाद पूरे जिले में लागू किया जाएगा।
नारियल, मखाना और औषधीय खेती से फसल में विविधता
नगरी क्षेत्र में 4000 नारियल के पौधे लगाए गए हैं और एक नारियल नर्सरी भी तैयार हो रही है। इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी और पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा। साथ ही 200 एकड़ में औषधीय पौधों की खेती की जा रही है, जिसमें बाय-बैक गारंटी भी है ताकि किसानों को फसल बेचने की चिंता न हो। मखाना की खेती को भी बढ़ावा दिया गया है, जिससे मछुआरा समुदाय को भी आय का नया साधन मिल रहा है।
सिंचाई और बैंकिंग सुविधाएं बढ़ीं
जिन इलाकों में अब तक सिंचाई की सुविधा नहीं थी वहां ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम लगाए जा रहे हैं। इससे पानी की बचत होगी और उत्पादन भी बढ़ेगा। आमदी क्षेत्र में सहकारी बैंक की शाखा खोलने का प्रस्ताव भी भेजा गया है, जिससे किसानों को गांव में ही बैंकिंग सुविधा मिलेगी और उन्हें कृषि लोन और सब्सिडी मिलना आसान होगा।
दुग्ध उत्पादन में शानदार बढ़ोतरी
धमतरी जिले में पहले रोज़ 6000 लीटर दूध इकट्ठा होता था जो अब 12000 लीटर रोजाना हो गया है। सिर्फ तीन महीने में ये दोगुना बढ़ोतरी हुई है। यहां 12 नई दुग्ध समितियां बन रही हैं, जिनमें से 6 नगरी में होंगी। इससे पशुपालकों की आय बढ़ेगी और महिलाओं को भी आर्थिक मजबूती मिलेगी।
कलेक्टर की पहल बनी बदलाव की ताकत
इन सभी योजनाओं के पीछे कलेक्टर श्री अभिनाश मिश्रा का सक्रिय नेतृत्व है। वे लगातार गांवों का दौरा कर योजनाओं की निगरानी कर रहे हैं। चाहे नारियल नर्सरी हो या AI बेस्ड स्मार्ट फार्म या मखाना खेती – हर जगह उनकी भूमिका दिखती है।
ग्रामीण विकास का नया मॉडल बना धमतरी
धमतरी अब पारंपरिक खेती तक सीमित नहीं रहा। यहां स्मार्ट खेती, तकनीक, विविध फसलें और बैंकिंग सुविधाओं का विस्तार हो रहा है। यह एक ऐसा मॉडल बन गया है जिससे किसान आत्मनिर्भर बन रहे हैं और पर्यावरण भी सुरक्षित हो रहा है।
नरहरा जलप्रपात में बढ़ रहा पर्यटन
धमतरी में पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। नरहरा जलप्रपात को आकर्षक टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाया जा रहा है। यहां के स्थानीय युवाओं को टूरिस्ट गाइड की ट्रेनिंग दी गई है ताकि उन्हें रोजगार मिल सके। मचान हट बनाए गए हैं, एडवेंचर टूरिज्म की शुरुआत हुई है और बच्चों के लिए झूले व रोपवे जैसी सुविधाएं शुरू हुई हैं। इससे इलाके की आर्थिक स्थिति और रोजगार के मौके बेहतर हो रहे हैं। धमतरी की यह कहानी पूरे छत्तीसगढ़ के लिए मिसाल बनती जा रही है कि स्मार्ट खेती और तकनीक अपनाकर किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं और अपने गांव को समृद्ध बना सकते हैं।
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