गुजरात में अन्य फसलों की तरफ किसानों का रुख, कपास की बुआई में गिरावट
06 अगस्त 2025, भोपाल: गुजरात में अन्य फसलों की तरफ किसानों का रुख, कपास की बुआई में गिरावट – गुजरात के अधिकांश किसान अब कपास का उत्पादन छोड़कर सोयाबीन और अन्य फसलों की तरफ रूख कर रहे है और यही कारण है कि देश के सबसे बड़े कपास उत्पादक राज्य गुजरात में कपास की बुआई में लगभग 13 प्रतिशत की उल्लेखनीय गिरावट आई है। रिपोर्ट के अनुसार, इस गिरावट का मुख्य कारण कुछ किसानों का मूंगफली और सोयाबीन जैसी अन्य फसलों की ओर रुख करना है।
गुजरात में कपास की खेती से जुड़े आंकड़ों पर नज़र डालें तो 4 अगस्त तक 20.35 लाख हेक्टेयर में कपास की बुवाई पूरी हो चुकी है। वहीं, पिछले खरीफ सीजन में इसी समय तक कपास का रकबा 23.35 लाख हेक्टेयर था। बता दें कि गुजरात में कपास का सामान्य रकबा 25.34 लाख हेक्टेयर है।
कपास की बुवाई के मामले में कर्नाटक, तेलंगाना समेत दूसरे राज्यों का हाल अच्छा है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ें बताते हैं कि 1 अगस्त तक देशभर में कपास का कुल रकबा 105.87 लाख हेक्टेयर था। वहीं, बीते साल इसी समय रकबे का आंकड़ा 108.43 लाख हेक्टेयर था। रिपोर्ट के अनुसार गुजरात के किसानों ने कपास से मूंगफली की ओर रुख किया है। इस बदले रुख का कारण है कि किसानों को मूंगफली अधिक लाभ देने वाली फसल लगती है। बता दें कि एमएसपी में बढ़ोतरी और कम समय में पककर तैयार होने की काबिलियत ने भी किसानों का ध्यान मूंगफली की और खींचा है। इसके अलावा कपास की कटाई में किसानों को मजदूरों की कमी का सामना करना पड़ता है। इन सभी कारणों ने किसानों के रुख में बदलाव लाने का काम किया है।
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