राज्य कृषि समाचार (State News)

सतना में कृषि प्रक्षेत्र दिवस पर जुटे किसान, देशी धान की 200 किस्में बनीं आकर्षण का केंद्र

07 नवंबर 2025, भोपाल: सतना में कृषि प्रक्षेत्र दिवस पर जुटे किसान, देशी धान की 200 किस्में बनीं आकर्षण का केंद्र –  मध्यप्रदेश के सतना जिले में आम, केला जैसे फलों और अनाजों की किस्में तो देखने को मिलती हैं। लेकिन जिस तरह यहां 200 से अधिक धान की परंपरागत किस्में संरक्षित हैं। वह क्षेत्र के किसानों के लिए ही नहीं कृषि वैज्ञानिकों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत हैं। यह बात सतना कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने पिथौराबाद में बुधवार को आयोजित जैव विविधता कृषि प्रक्षेत्र दिवस को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित करते हुए कही।

देशी किस्मों को अपनाकर किसान उठाए लाभ

कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार ने किसानों से कहा कि वे परंपरागत अनाजों का उत्पादन कर कम लागत में अधिक लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषि अधिकारियों को परंपरागत अनाज के विस्तार एवं प्रचार-प्रसार के निर्देश भी दिए। जैव विविधता प्रबंधन समिति और सर्जना सामाजिक सांस्कृतिक एवं साहित्यिक मंच पिथौराबाद के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित प्रक्षेत्र दिवस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसान कृषि वैज्ञानिक कृषि विभाग के अधिकारी जनपद के अधिकारी उपस्थित रहे.।

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परंपरागत बीज के संरक्षण की जरुरत

कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का स्वागत करते हुए जैव विविधता प्रबंधन समिति के अध्यक्ष पद्मश्री बाबूलाल दाहिया ने परंपरागत अनाज, सब्जी आदि को बचाए रखने के लिए उनके द्वारा किए जा रहे नवाचारों का विस्तार से उल्लेख करते हुए उनके संरक्षण पर जोर दिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मझगवां एसडीएम महिपाल सिंह गुर्जर, उचेहरा एसडीएम सुमेश द्विवेदी ने कृषि उपकरण संग्रहालय, बीज बैंक के निर्माण तथा 200 प्रकार की धानों परंपरागत बीज संरक्षण को लेकर श्री दाहिया द्वारा किए गए प्रयासों की प्रशंसा करते हुए इन कार्यों के विस्तार पर जोर दिया। परंपरागत खेती को किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बताया। इस अवसर पर कृषि अनुसंधान परिषद के सहायक महानिदेशक डॉ. सदाचारी सिंह तोमर सेवानिवृत, अपर संचालक कृषि आरएस चर्मकार, सहायक संचालक कृषि आरएस बागरी, वीरेंद्र प्रताप सिंह, जगदीश उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन आदित्य प्रताप सिंह व आभार प्रदर्शन सर्जना सचिव डॉ. बसंत तिवारी ने किया।

एक साथ 200 प्रकार की धानो को देख हुए अचंभित

इस दौरान कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस सहित अन्य अधिकारियों ने खेत में पहुंचकर वहां लगी 200 प्रकार की दुर्लभ परम्परागत धान की अलग-अलग किस्मों को देख अचंभित रहे। इसके अलावा बीज बैंक व कृषि आश्रित समाज के दुर्लभ कृषि यंत्रों के संग्रहालय का भी अवलोकन किया।

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