मूंग की एमएसपी पर खरीदी के लिए मध्य प्रदेश सरकार की मंजूरी का इंतजार कर रहे किसान
04 जून 2025, भोपाल: मूंग की एमएसपी पर खरीदी के लिए मध्य प्रदेश सरकार की मंजूरी का इंतजार कर रहे किसान – इस वर्ष मध्य प्रदेश में ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती में भारी वृद्धि हुई है, लेकिन राज्य सरकार ने अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर मूंग की खरीदी के लिए केंद्र सरकार को कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है। यह देरी इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि पिछले साल 2024 में मूंग खरीदी के लिए पंजीकरण प्रक्रिया 20 मई तक शुरू हो गई थी। जबकि 2025 में यह प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हुई है, जिससे कई जिलों के किसानों में नाराजगी है।
खरीदी को लेकर असमंजस, किसान कर रहे हैं इंतजार
मूंग उत्पादक प्रमुख जिलों — हरदा, नर्मदापुरम, सीहोर, विदिशा और रायसेन — में खरीदी में देरी के कारण किसानों के प्रदर्शन बढ़ते जा रहे हैं। 2024 में जहां समय पर पंजीकरण शुरू हो गया था, वहीं इस साल अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है और केंद्र को भी मध्य प्रदेश सरकार की ओर से कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है।
इस साल राज्य के 16 जिलों में लगभग 10.21 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मूंग की बुवाई की गई है, जो पिछले साल समान अवधि में 9.89 लाख हेक्टेयर में हुई थी. अनुमानित उत्पादन 20 लाख टन रहने की उम्मीद है।
अब तक राज्य सरकार से कोई निर्देश नहीं
हालांकि पिछले दो वर्षों से राज्य का कृषि विभाग मूंग की खरीदी की प्रक्रिया को अंजाम दे रहा है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि इस साल अब तक उन्हें न तो कोई निर्देश मिले हैं और न ही केंद्र को कोई प्रस्ताव भेजने की अनुमति दी गई है।
एमएसपी तय, लेकिन किसानों को मिल रहे हैं कम दाम
केंद्र सरकार पहले ही मूंग के लिए 2024–25 विपणन वर्ष के लिए ₹8,682 प्रति क्विंटल का एमएसपी घोषित कर चुकी है, और 2025–26 के लिए इसे बढ़ाकर ₹8,768 प्रति क्विंटल कर दिया गया है। लेकिन इन निर्धारित दरों के बावजूद, मध्य प्रदेश के किसान अपनी मूंग फसल को स्थानीय मंडियों में ₹6,000 से ₹6,500 प्रति क्विंटल के कम दामों पर बेचने को मजबूर हैं। एमएसपी और मंडी भाव के बीच इस अंतर ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि वे घोषित समर्थन मूल्य का भी लाभ नहीं उठा पा रहे हैं, जिससे उन्हें फसल की कटाई और बिक्री के समय आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
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