किसानों की बल्ले-बल्ले! बिहार सरकार कीटनाशक स्प्रे पर दे रही 75% तक की सब्सिडी, जानें आवेदन की प्रक्रिया
07 जुलाई 2025, पटना: किसानों की बल्ले-बल्ले! बिहार सरकार कीटनाशक स्प्रे पर दे रही 75% तक की सब्सिडी, जानें आवेदन की प्रक्रिया – किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए बिहार सरकार लगातार नई योजनाएं ला रही है। इसी कड़ी में अब राज्य सरकार ने फलों की खेती करने वाले किसानों को कीट प्रबंधन योजना के तहत कीटनाशक के छिड़काव पर 50% से लेकर 75% तक की सब्सिडी देने का फैसला किया है। इस योजना से किसानों को कम लागत में अधिक उत्पादन करने में मदद मिलेगी।
किन फसलों पर मिल रही सब्सिडी?
बिहार कृषि विभाग के पौधा संरक्षण इकाई द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के तहत केला, पपीता, आम और लीची की फसलों में कीटनाशक के छिड़काव के लिए अनुदान योजना शुरू की गई है। इसके तहत, केला और पपीता पर 50% सब्सिडी दी जाएगी। वहीं, आम और लीची पर 75% सब्सिडी दी जा रही है।
स्प्रे पर कितना खर्च, कितनी सब्सिडी?
पपीता फसल के लिए पहले स्प्रे पर ₹4300 प्रति एकड़ लागत आती है, जिसमें से किसान को सिर्फ ₹2150 ही देना होगा, बाकी सरकार देगी। दूसरे स्प्रे में ₹4000 की लागत पर सरकार ₹2000 की सब्सिडी देगी। लीची फसल के पहले स्प्रे में ₹216 की लागत, जिसमें किसान को केवल ₹54 खर्च करने होंगे क्योंकि सरकार ₹162 सब्सिडी दे रही है।
इसी तरह दूसरे स्प्रे पर भी 75% तक की सब्सिडी लागू होगी। आम के पौधों पर पहले स्प्रे की लागत ₹76 प्रति पौधा, जिसमें ₹57 की सब्सिडी मिलेगी। दूसरे स्प्रे की लागत ₹96 है, जिसमें ₹72 सरकार देगी, और किसान को सिर्फ ₹24 देने होंगे।
किन जिलों में लागू होगी योजना?
1. यह योजना बिहार के खगड़िया जिले में विशेष रूप से लागू की जा रही है।
2. परबत्ता प्रखंड में 200 हेक्टेयर में केले की खेती पर छिड़काव का लक्ष्य है।
3. आम के 7000 पौधों और 1400 लीची के पौधों पर स्प्रे करवाने का लक्ष्य तय किया गया है।
कैसे करें आवेदन?
किसानों को आवेदन करने के लिए बिहार कृषि विभाग के पोर्टल https://horticulture.bihar.gov.in/ पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन सत्यापन के बाद संबंधित सेवा प्रदाता को भेजा जाएगा। इसेक बाद, सेवा प्रदाता किसान के खेत पर जाकर निर्धारित समय में स्प्रे करेगा।
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज
1. आधार कार्ड
2. आधार लिंक्ड बैंक खाता (नेशनलाइज्ड बैंक या जिला सहकारी बैंक)
3. भूमि अधिकार (लोन बुक) की स्व-प्रमाणित प्रति
पारदर्शिता के लिए व्यवस्था
सरकार ने सभी उपार्जन/क्रियान्वयन केंद्रों पर “व्यवस्था उपार्जन समिति” गठित करने का निर्णय लिया है, जो योजना की निगरानी करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि किसानों को कोई परेशानी न हो।
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