State News (राज्य कृषि समाचार)

किसानों को जरूरत से कम मात्रा में मिल रहा डीएपी खाद

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  • (दिलीप दसौंधी, मंडलेश्वर)

7 जून 2022,  किसानों को जरूरत से कम मात्रा में मिल रहा डीएपी खाद – क्षेत्र के किसान खरीफ की तैयारियों में लग गए हैं। कपास, मिर्च आदि फसलों के लिए इन दिनों किसानों द्वारा डीएपी खाद का बेसल डोज में प्रयोग किया जा रहा है, लेकिन सहकारी समितियों द्वारा किसानों को एक पावती पर अधिकतम 5 बोरी से अधिक डीएपी नहीं दिया जा रहा है, जबकि उन्हें ज़्यादा डीएपी की जरूरत है। ऐसे में छोटे किसानों को खुले बाजार से डीएपी खरीदने में नकदी की समस्या आ रही है। बड़े काश्तकार भी डीएपी की समस्या से जूझ रहे हैं।

ग्राम खेड़ी (अघावन) तहसील कसरावद के उन्नत किसान श्री शंकर पाटीदार ने कृषक जगत को बताया कि अभी खेतों में गर्मी के कपास, मिर्च आदि फसलों के लिए बेसल डोज में डीएपी का प्रयोग किया जा रहा है। लेकिन सहकारी समितियों द्वारा रकबे के हिसाब से एक पावती पर रकबा अनुसार 1 से लेकर 5 बोरी डीएपी दिया जा रहा है, जबकि किसानों को इससे ज़्यादा डीएपी की जरूरत है। श्री पाटीदार का कहना था कि बेसल डोज में न्यूनतम दो बोरी डीएपी देने से मिर्च का उत्पादन 10-15 क्विंटल/एकड़ और कपास का 5-7 क्विंटल/एकड़ लिया जा सकता है। कम बेसल डोज से उत्पादन पर असर पड़ेगा। कुछ समय पूर्व सरकार किसानों से खाद का अग्रिम भंडारण करने की अपील करती थी, लेकिन आज हालात यह है कि सहकारी समितियों से जरूरत का डीएपी भी नहीं मिल पा रहा है। जबकि ग्राम अघावन के किसान श्री सुरेश पाटीदार ने कहा कि सोसायटियों में एक पावती पर अधिकतम 5 बोरी डीएपी देने से की किसानों की पूर्ति नहीं हो पा रही है। अपनी 30 एकड़ जमीन में से 20 एकड़ में कपास और 10 एकड़ में मिर्च फसल के लिए बेसल डोज के लिए 50 बोरी से अधिक डीएपी की ज़रूरत है, लेकिन बहुत कम बोरियां दी जा रही हंै। वहीं ग्राम बिठेर के किसान श्री सुनील पाटीदार ने कहा कि एक पावती पर दो बोरी डीएपी ही दिया जा रहा है। मेरी 30 एकड़ जमीन है, मुझे 20 बोरी डीएपी सहकारी समिति से दिया गया। ऐसे में छोटे किसानों को बहुत परेशानी आ रही है।

आदिम जाति सेवा सहकारी समिति, सैलानी के प्रबंधक श्री जगदीश पाटीदार ने कृषक जगत को बताया कि समिति में 800 किसान सदस्य हैं और डीएपी खाद 30 टन है। अप्रैल से खाद नहीं आया है, ऐसे में सबको खाद मिले और कोई विवाद न हो, इसलिए छोटे किसानों को पावती पर एक-दो बोरी और बड़े किसानों को 20-25 बोरी डीएपी खाद दिया जा रहा है।

 

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