108 करोड़ खर्च करने के बाद भी धूल खा रही 265 मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाएं
- (विशेष प्रतिनिधि)
9 मार्च 2023, भोपाल । 108 करोड़ खर्च करने के बाद भी धूल खा रही 265 मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाएं – प्रदेश में विगत 5 वर्षों से 108 करोड़ खर्च करने के बाद भी धूल खा रही हैं 265 मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाएं। विकासखण्ड स्तर पर किसानों की सुविधा के लिए मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित करने का निर्णय लिया गया था जिसे वर्ष 2017-18 में पूरा कर लिया गया परन्तु केवल भवन निर्माण से स्वार्हल हेल्थ कार्ड नहीं बनेगा उसमें उपकरण एवं अमले की भी आवश्यकता होगी ।
विधानसभा में पूछे गए श्री राजेन्द्र शुक्ला के प्रश्न के उत्तर में कृषि मंत्री श्री कमल पटेल ने 265 प्रयोगशालाएं बनाने के निर्णय को स्वीकार करते हुए कहा कि प्रयोगशालाओं में 265 एरोमिक एब्जोप्र्सन स्पेक्ट्रोमीटर प्रदान किए गए हैं तथा अन्य आवश्यक प्रयोगशाला यंत्रों को प्रदान करने की कार्यवाही प्रक्रिया में है। इसके साथ ही प्रयोगशालाओं के संचालन के लिए अमले की तथा अन्य उपकरणों की व्यवस्था की जा रही हैं। व्यवस्था पूर्ण होने के बाद मिट्टी परीक्षण का कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा। इस ध्यानाकर्षण सूचना के संबंध में श्री शुक्ला ने कृषि मंत्री के जवाब पर कहा कि 5 साल बीतने के बाद भी यदि मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाएं प्रारंभ नहीं हो पा रही हैं तो इसकी एक टाईम लाईन तय कर दें। उन्होंने कहा कि एक लैब बनाने पर 41 लाख रूपये खर्च करने के बाद भी अमले और यंत्रों के अभाव में किसानों को सुविधा नहीं मिल पाना दुर्भाग्य पूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि किसान खेत की मिट्टी परीक्षण कराकर बेहतर उत्पादन लेने में वंचित हैं।
ध्यानाकर्षण पर हुई चर्चा पर कृषि मंत्री श्री पटेल ने कहा कि सरकार शीघ्र ही पद सृजित कर, लैब में जो कमियां हैं उसे पूरा कर मिट्टी परीक्षण प्रारंभ करेगी।
महत्वपूर्ण खबर: गेहूं की फसल को चूहों से बचाने के उपाय बतायें