अधिक मूल्य वाली फसलों के उत्पादन पर जोर दें: श्री वर्णवाल
कृषि उत्पादन आयुक्त श्री अशोक वर्णवाल की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न
05 जून 2025, इंदौर: अधिक मूल्य वाली फसलों के उत्पादन पर जोर दें: श्री वर्णवाल – कृषि उत्पादन आयुक्त श्री अशोक वर्णवाल की अध्यक्षता में एआईसीटीएसएल के सभाकक्ष में बुधवार को रबी- 2025 की समीक्षा एवं खरीफ- 2025 के कार्यक्रम निर्धारण हेतु संभागीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में उद्यानिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अनुपम राजन, कृषि विभाग के सचिव श्री एम. सेल्वेन्द्रम, संभागायुक्त श्री दीपक सिंह, उद्यानिकी विभाग की आयुक्त श्रीमती प्रीति मैथिल, मार्कफेड एमडी के श्री आलोक सिंह, सहकारिता आयुक्त श्री मनोज पुष्प, कृषि विभाग के संचालक श्री अजय गुप्ता, इंदौर कलेक्टर श्री आशीष सिंह सहित संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री वर्णवाल ने कृषि, उद्यानिकी, खाद्य प्रसंस्करण, सहकारिता एवं अन्य संबंधित संस्थाओं की योजनाओं, कार्यक्रमों और उपलब्धियों के संबंध में समीक्षा की। बैठक में सभी जिलों के कलेक्टर ने अपने-अपने जिलों में कृषि क्षेत्र में किये जा रहे नवाचारों के बारें में बताया। कृषि आयुक्त श्री वर्णवाल ने झाबुआ कलेक्टर श्रीमती नेहा मीणा के द्वारा कृषि क्षेत्र में किये गए नवाचार के लिए उनकी सराहना की। कलेक्टर श्रीमती मीणा ने कृषि क्षेत्र से संबंधित अरहर पूसा-16 के उत्पादन का नवाचार किया, जिसके अच्छे परिणाम भी प्राप्त हुए।
बैठक में आयुक्त श्री वर्णवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे निर्धारित समय-सीमा में लक्ष्य पूर्ति करें। राज्य शासन की समस्त योजनाओं का लाभ हितग्राही किसानों को मिले और कोई भी इससे वंचित नहीं रहें। हितग्राहियों के खाते खुलवा कर उनको आधार एवं समग्र आईडी से ईकेवायसी करवाना सुनिश्चित करें। किसानों के द्वारा उत्पादित फसल का भुगतान समय सीमा में सुनिश्चित किया जाये। अधिकारी योजना बनाकर निश्चित समयावधि में कार्य करें। मैदानी स्तर पर जाकर भौतिक सत्यापन के साथ इसकी मॉनिटरिंग भी करें। सहकारिता बैंक अधिकारी कृषि ऋण वसूली में तेजी लायें। कार्यों में किसी तरह की लापरवाही, अनियमितता और अनुशासनहीनता नहीं बरते, अन्यथा संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी।
बैठक में आयुक्त श्री वर्णवाल ने कहा कि अधिकारी किसानों से आग्रह करें कि वे कम मूल्य की फसलों के बजाय अधिक मूल्य वाली फसलों का उत्पादन अधिक करें। कृषि उत्पादन में वैज्ञानिक तकनीकों का प्रयोग करें और नवाचार को अधिक से अधिक बढ़ावा दें। फसल उत्पादन के लिए किसानों को समय पर बीज, उर्वरक आदि उपलब्ध करायें। खेतों में बीटी कॉटन के साथ अन्य कपास की प्रजातियों का भी उत्पादन करें, जिससे कीटों की समस्या कम होगी। सोयाबीन फसल के विकल्प के रूप में अरहर पूसा-16 को लगाकर उत्पादन बढ़ाया जायें। शीत ऋतु में अरहर फसल की पैदावार नहीं करें, क्योंकि पाला पड़ने से इसका उत्पादन प्रभावित होता है। फसल उत्पादन के लिए किसान डीएपी उर्वरक के विकल्प के रूप में जैविक खाद का इस्तेमाल करें। किसानों को बेहतर उत्पादन के लिए मिट्टी परीक्षण करने के लिए प्रेरित करें। बेहतर मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला बनायें। किसानों की सुविधा के लिए सभी जिलों में खाद वितरण केन्द्र बनायें जायें। किसानों की सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए भंडारण केन्द्र पर पर्याप्त विश्राम शेड की व्यवस्था की जाए ।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि संभाग में कोई भी किसान नरवाई (फसल अवशेष) नहीं जलायें। नरवाई जलाने से पर्यावरण को नुकसान होता है। नरवाई जलाने वाले किसानों के विरुद्ध पंचनामे और अर्थदंड की कार्रवाई में तेजी लाएं, जो किसान नरवाई जलायेगा उसे किसान सम्मान निधि से वंचित किया जायेगा। ई-मंडी में भुगतान प्राप्त करने वाले किसानों को अधिक समय लग रहा है, उस पर ध्यान दिया जायें। यह प्रयास करें कि किसानों को ई-मंडी में अपने भुगतान के लिए अधिकतम 5 घंटे से अधिक समय नहीं लगें। सहकारिता के क्षेत्र में इंदौर जिले को अधिक ध्यान देने की जरूरत है। सहकारी बैंकों में समितियों के खातों के साथ-साथ उनके सदस्यों के भी खाते खुलवायें। जन औषधि केन्द्र के माध्यम से दूसरों उत्पादों की भी ब्रिकी एवं व्यवसाय को बढ़ावा दें। कृषि विज्ञान केन्द्रों को ओर अधिक उन्नत बनायें।
बैठक में बताया गया कि खरगोन जिले में हाइब्रिड मक्का का उत्पादन नवाचार के रूप में किया गया है। साथ ही डॉलर चना भी बहुतायत में उत्पादित किया जा रहा है। बुरहानपुर में ड्रिप सिंचाई के माध्यम से नवाचार कर केले की फसल का उत्पादन किया जा रहा है। साथ ही बड़ी मात्रा में हल्दी और मूंगफली का भी उत्पादन किया जा रहा है। बड़वानी जिले में मक्का की फसल का उत्पादन रबी, खरीफ एवं जायद मौसम में भी किया जा रहा है। आलीराजपुर के सोंडवा तहसील में मिलेट्स(मोटा अनाज) जैसे- बाजरा, कोदो-कुटकी आदि का उत्पादन नवाचार के रूप में किया जा रहा है। इससे किसानों को इन फसलों का अच्छा दाम भी रहा है। बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारियों ने भी अपने विचार रखें।
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