वर्ष 2022 में एफपीओ का गठन कर छोटे किसानों को लाभ पहुंचाने का प्रयास
17 जनवरी 2023, भोपाल । वर्ष 2022 में एफपीओ का गठन कर छोटे किसानों को लाभ पहुंचाने का प्रयास – देश में किसानों की आय दोगुनी करने तथा प्रत्येक किसान हित की योजनाओं का जमीनी स्तर तक लाभ पहुँचाने के लिए बीते वर्ष 2022 में सरकार ने हरसंभव प्रयास किए। बजट में वृद्धि करने के साथ-साथ किसानों की आय बढ़ाने के लिए एमएसपी में वृद्धि, किसानों को वार्षिक सहायता, कृषि अवसंरचना फंड, एफपीओ, नवाचारों का प्रयोग, किसान रेल तथा स्टार्ट अप इको सिस्टम बनाए गए। वर्ष भर चली इन गतिविधियों से एक ओर जहाँ किसानों को आर्थिक सम्बल मिला वहीं दूसरी ओर ड्रोन जैसी नई तकनीक से उन्नत खेती कर उत्पादन बढ़ाने में सफलता हासिल की। वर्ष 2022 में केन्द्र सरकार द्वारा कृषक हित में कई उपयोगी एवं महत्वपूर्ण कार्य किए गए। इसमें मुख्यत: कृषि एवं सम्बंध क्षेत्र के लिए बजट में 1 लाख 24 हजार करोड़ रुपए रखे गए, जिससे भरपूर राशि मिलती रही और कृषि कार्य होते रहे।
एफपीओ के गठन से लाभ
देश के छोटे एवं सीमांत किसानों को मुख्य धारा से जोडऩे के लिए प्रधानमंत्री ने 29 फरवरी 2020 को वर्ष 2027-28 तक 6865 करोड़ रुपये के बजट से 10,000 नए एफपीओ के गठन और प्रसार के लिए एक नई केन्द्रीय योजना शुरू की थी। नई एफपीओ योजना के तहत दिसम्बर, 2022 तक 4016 एफपीओ हो गए।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 2020 में एक राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (एनबीएचएम) शुरू किया गया है। मधुमक्खी पालन क्षेत्र के लिए 2020-2021 से 2022-2023 की अवधि के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। मधुमक्खी पालन क्षेत्र के लिए 70 परियोजनाएं आवंटित की गई हैं। एनबीएचएम के तहत वित्त पोषण के लिए लगभग 118.00 करोड़ रुपये की सहायता से 70 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई, जबकि दिसम्बर 2022 तक लगभग 139.23 करोड़ रुपये की सहायता से 114 परियोजनाओं को एनबीएचएम के तहत वित्त पोषण के लिए मंजूर किया गया है।
किसान रेल चली
रेल मंत्रालय ने विशेष रूप से खराब होने वाली कृषि बागवानी वस्तुओं को लाने-ले जाने के लिए किसान रेल शुरू की। पहली किसान रेल जुलाई 2020 में शुरू की गई थी। जनवरी 2022 तक 155 रूटों पर 1900 सेवाएं संचालित की गईं, जिन्हें दिसम्बर 2022 में 167 रूटों पर बढ़ाकर 2359 सेवाएं कर दिया गया।
कृषि में स्टार्ट-अप इको सिस्टम
- जनवरी 2022 विभिन्न नॉलेज पार्टनर्स (केपी) और एग्रीबिजनेस इन्क्यूबेटर्स (आर-एबीआई) द्वारा 799 स्टार्टअप्स को अंतिम रूप से चुना गया और दिसम्बर 2022 में उनकी संख्या बढक़र 1055 स्टार्टअप हो गई।
- दिसम्बर 2022 तक 6317.91 लाख रुपये की अनुदान सहायता संबंधित केपी और आर-एबीआई को डीए और एफडब्ल्यू द्वारा समर्थन के रूप में किस्तों में जारी की गई है, जबकि जनवरी 2022 में यह 3790.11 लाख थी।
रिकॉर्ड खाद्यान्न और बागवानी उत्पादन
खाद्यान्न उत्पादन जनवरी 2022 के 308.65 मिलियन टन से बढक़र दिसम्बर 2022 में 315.72 मिलियन टन (चौथे अग्रिम अनुमानों के अनुसार) हो गया है जो अब तक का सर्वाधिक खाद्यान्न उत्पादन है। तीसरे अग्रिम अनुमानों के अनुसार, बागवानी उत्पादन 2020-21 के दौरान 331.05 मिलियन एमटी था जिसे 2021-22 के दौरान बढ़ाकर 342.33 मिलियन एमटी तक पहुंचा दिया गया। यह भारतीय बागवानी के लिए अब तक का सर्वाधिक उत्पादन है।
खाद्य तेलों के लिए राष्ट्रीय मिशन – ऑयल पाम
एनएमईओ को 11,040 करोड़ रुपये के कुल व्यय के साथ मंजूरी दी गई है। इससे अगले 5 वर्षों में पूर्वोत्तर राज्यों में 3.28 लाख हेक्टेयर और शेष भारत में 3.22 हेक्टेयर के साथ ऑयल पाम वृक्षारोपण के तहत 6.5 लाख हेक्टेयर का अतिरिक्त क्षेत्र आएगा।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई)
- पीएमएफबीवाई 2016 में किसानों के लिए उच्च प्रीमियम दरों और कैपिंग के कारण बीमा राशि में कटौती की समस्याओं को दूर करने के लिए शुरू की गई थी।
- कार्यान्वयन के बाद से, 29.39 करोड़ आवेदक किसानों का नाम दर्ज किया गया और 9.01 करोड़ (अस्थायी) से अधिक आवेदक किसानों को जनवरी, 2022 तक 1,04,196 करोड़ रुपये से अधिक के दावे प्राप्त हुए, जिनकी संख्या दिसम्बर 2022 में बढक़र 38 करोड़ नामांकित आवेदक किसानों तक पहुंच गई और आवेदन करने वाले 12.24 करोड़ (अस्थायी) से अधिक किसानों को 1,28,522 करोड़ रुपये से अधिक के दावे प्राप्त हुए।
- जनवरी, 2022 तक किसानों द्वारा प्रीमियम के हिस्से के रूप में लगभग 21532 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था, जिसके एवज में उन्हें 104196 करोड़ रुपये (अस्थायी) से अधिक के दावों का भुगतान किया गया था। किसानों द्वारा प्रीमियम के हिस्से के रूप में लगभग 25,192 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था, जिसके बदले उन्हें 1,28,522 करोड़ रुपये (अस्थायी) से अधिक के दावों का भुगतान किया गया।
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