मध्यप्रदेश का आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 जारी, कृषि फिर बना अर्थव्यवस्था की रीढ़
12 मार्च 2025, भोपाल: मध्यप्रदेश का आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 जारी, कृषि फिर बना अर्थव्यवस्था की रीढ़ – मध्यप्रदेश सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 प्रस्तुत किया, जिसमें प्रदेश की अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति और विकास दर के आंकड़े सामने आए। रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023-24 में प्रचलित भावों पर मध्यप्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद 13.53 लाख करोड़ रुपये था, जो 11.05% बढ़कर 15.03 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
वास्तविक वृद्धि और प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी
सर्वेक्षण के मुताबिक, स्थिर भावों पर जीएसडीपी वर्ष 2024-25 में 6.05% की वास्तविक वृद्धि के साथ 7.12 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। प्रति व्यक्ति आय भी बढ़कर 1,52,615 रुपये हो गई है, जबकि स्थिर भावों पर यह आंकड़ा 70,434 रुपये दर्ज किया गया।
क्षेत्रवार योगदान: कृषि का प्रमुख स्थान बरकरार
प्रदेश के सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) में प्राथमिक क्षेत्र (कृषि, पशुपालन आदि) का योगदान 44.36% रहा, जबकि द्वितीयक क्षेत्र (उद्योग, निर्माण आदि) में 19.03% और तृतीयक क्षेत्र (सेवाएँ, व्यापार आदि) का योगदान 36.61% रहा। कृषि फसल क्षेत्र की प्रचलित भावों पर वृद्धि 10.8% दर्ज की गई, हालांकि स्थिर भावों पर यह केवल 1.6% रही। पशुधन क्षेत्र का योगदान 7.45% रहा, जिसमें स्थिर भावों पर 8.39% की वृद्धि दर्ज की गई।
राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में राजस्व अधिशेष 1,700 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है, जबकि राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 4.11% तक सीमित रहेगा। अनुमान के अनुसार, राज्य की कुल राजस्व प्राप्ति 2.63 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है।
मध्यप्रदेश सरकार ने वर्ष 2025 को “उद्योग वर्ष” घोषित किया है। औद्योगिक क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 145.13 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। दिसंबर 2024 तक राज्य में 4.17 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। द्वितीयक क्षेत्र में सकल मूल्य वर्धन 2.73 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, राज्य सरकार ने सामाजिक क्षेत्र के लिए बजटीय आवंटन में पिछले चार वर्षों में 82.52% की वृद्धि की है। ‘पोषण भी पढ़ाई भी’, ‘स्व-सहायता समूह’, ‘लखपति दीदी’ और ‘विकसित मध्यप्रदेश विजन 2047’ जैसी योजनाओं को प्राथमिकता दी गई है।
क्या कहते हैं ये आंकड़े?
आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़े बताते हैं कि मध्यप्रदेश में आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि दर्ज की गई है, लेकिन स्थिर भावों पर वृद्धि दर तुलनात्मक रूप से कम रही है। कृषि क्षेत्र की वृद्धि सीमित रही है, जबकि उद्योग और सेवा क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा दिया गया है। राज्य सरकार ने वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के लिए राजस्व अधिशेष बनाए रखने का अनुमान जताया है, हालांकि राजकोषीय घाटा अभी भी चुनौती बना हुआ है।
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