राज्य कृषि समाचार (State News)

गिरदावरी में गड़बड़ी से किसानों को भावान्तर पंजीयन में आ रही परेशानी

11 अक्टूबर 2025, इंदौर: गिरदावरी में गड़बड़ी से किसानों को भावान्तर पंजीयन में आ रही परेशानी –  ‘एक तो दुबले , दूसरे दो आषाढ़ ‘ वाली कहावत इन दिनों किसानों पर चरितार्थ हो रही है। अति वृष्टि से  पहले तो सोयाबीन की फसल प्रभावित हुई। सोयाबीन का भाव कम होने से राज्य सरकार ने किसानों के हित में भावान्तर योजना शुरू की , लेकिन गिरदावरी में किसानों की वास्तविक सोयाबीन फसल की जगह अन्य फसल का उल्लेख  किए जाने से कई किसानों का भावान्तर योजना में पंजीयन नहीं  हो  पा रहा है। ऐसे किसानों के समक्ष भावान्तर योजना के लाभ से वंचित होने का खतरा मंडरा रहा है। इसे लेकर भारतीय किसान संघ मनावर ने तहसीलदार को ज्ञापन भी दिया है।

भावान्तर योजना में पंजीयन नहीं होने की समस्या को लेकर मनावर तहसील के कुछ किसानों ने कृषक जगत को अपनी परेशानी बताई।  निगरनी के किसान श्री कमल चोयल ने बताया कि ग्राम निगरनी पटवारी हल्का नंबर 27 में सर्वे नंबर 133 में रकबा 1.607  हेक्टेयर ज़मीन में  मैंने सोयाबीन बोई है , लेकिन जब पंजीयन करवाने गया तो पता चला कि राजस्व विभाग के पोर्टल पर कपास की फसल चढ़ा दी गई है , इस कारण पंजीयन नहीं हो पा रहा है। निगरनी के श्री तेजालाल पंवार ने बताया कि चंदू बाई -हरजी लक्ष्मण के नाम से 4  हेक्टेयर  ज़मीन है , जिसमें आधे में सोयाबीन और आधे में कपास लगाया गया है।  लेकिन गिरदावरी  में पूरे खेत में कपास दर्ज़ कर दिया गया। इस कारण सोयाबीन  भावान्तर योजना में पंजीयन नहीं हो पा रहा है। मनावर के श्री सुरेश पाटीदार ने बताया कि दोनों भाई के नाम से 2 -2  हेक्टेयर ज़मीन है , जिस पर सोयाबीन बोया है। लेकिन  गिरदावरी में मेरी ज़मीन पर कपास / शून्य और भाई की ज़मीन पर मक्का की फसल दर्शा रही है। हल्का पटवारी श्री धनसिंह मंडलोई का कहना है कि किसानों की शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों को बता दी है।  अभी विभागीय वेबसाइट बंद है।  जब भी खुलेगी तो इन किसानों की फसलों में संशोधन कर दिया जाएगा।  ऐसी ही शिकायत ग्राम  टोंकी  के श्री रमेश पंवार ने भी की। उनका कहना था कि पूरे 65 बीघा में सोयाबीन बोया है , लेकिन राजस्व विभाग के  पोर्टल  पर पूरे रकबे में मक्का फसल दिखाई दे रही है।  इस कारण पंजीयन नहीं हो रहा है। जबकि फसल बीमा भी कराया है। यदि पंजीयन नहीं हुआ तो भावान्तर  योजना  के साथ ही फसल बीमा के लाभ से भी वंचित हो जाऊंगा।

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  किसानों का कहना है कि फसलों की गिरदावरी राजस्व विभाग द्वारा आउट सोर्स कर्मचारियों से करवाई गई है। जिन्होंने हर खेत में जाकर फसल की वास्तविक स्थिति को न देखते हुए घर बैठे रिकार्ड में फसल चढ़ा दी।  इससे किसानों को समस्या आ रही है , जबकि इसमें किसानों की कोई गलती नहीं है। किसानों की इन समस्याओं को देखते हुए भारतीय किसान संघ , तहसील मनावर के अध्यक्ष श्री वासुदेव पाटीदार ने तहसीलदार मनावर को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है  कि गिरदावरी की गलतियों की जांच कर 24 घंटे में इसमें सुधार किया जाए , ताकि पीड़ित किसान अपनी सोयाबीन फसल भावान्तर योजना में बेच सकें ।

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