इंदौर में मत्स्य विभाग की संभागीय समीक्षा बैठक सम्पन्न
17 मई 2024, इंदौर: इंदौर में मत्स्य विभाग की संभागीय समीक्षा बैठक सम्पन्न – संभागायुक्त श्री दीपक सिंह की अध्यक्षता में मत्स्य विभाग की संभागीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें इंदौर संभाग अंतर्गत समस्त जिला अधिकारियों की उपस्थिति में मत्स्य विभाग की विभिन्न विभागीय योजनाओं तथा गतिविधियों पर चर्चा की गई। बैठक में संभाग में उपलब्ध जल संसाधन सहित ग्रामीण एवं अन्य सिंचाई तालाबों के पट्टा आवंटन एवं प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना अंतर्गत वर्ष 2023-24 में आवंटित राशि के व्यय की भी समीक्षा की गई।
संयुक्त संचालक मत्स्य श्री एम.के. पथरोडे ने बताया कि इसमें संभाग की उपलब्धि 96 प्रतिशत रही है। इसी प्रकार मछुआ क्रेडिट कार्ड के लक्ष्य के विरूध्द उपलब्धि 91 प्रतिशत रही है। संभाग में मत्स्य बीज उत्पादन तथा मत्स्य उत्पादन के लक्ष्य की उपलब्धि भी कमशः 104 प्रतिशत तथा 102 प्रतिशत रही है। संभागायुक्त श्री दीपक सिंह ने पंजीकृत मछुआ सहकारी समितियों की जांच के संबंध में भी जानकारी ली। संभागायुक्त श्री दीपक सिंह द्वारा उक्त बैठक में जिलेवार विशेष उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए यह निर्देश दिये गये कि जिलों में जो भी अच्छे कार्य किये गये है उन्हे संभाग के अन्य जिलों में भी सुचारू रूप से संचालित करे ताकि मत्स्य पालन गतिविधियों में बढ़ोतरी हो।
संभाग की विशिष्ट उपलब्धियां – जिला इंदौर में प्रदेश का सबसे बडा फिश फीड प्लांट (प्रतिदिन 100 टन) अपैरल फार्माक्लस्टर औधोगिक क्षेत्र बिजलपुर बेटमा का निर्माण कार्य पूर्ण होकर प्रतिदिन 100 टन मत्स्य आहार उत्पादन किया जा रहा है। उक्त कार्य हेतु बैंक द्वारा दो करोड़ रुपये स्वीकृत है।जिला खंडवा के मत्स्य कृषक श्री नंदकिशोर पटेल निवासी सुरगांव जोशी विकासखण्ड छैगाव माखन द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना अंतर्गत स्वयं की भूमि में 0.50 हेक्टेयर तालाब का निर्माण कर 46 टन मत्स्य उत्पादन लेने पर राष्ट्रीय स्तर पर नई दिल्ली में सर्वोत्तम कृषक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
जिला धार द्वारा वर्ष 2023-24 हेतु मत्स्य बीज उत्पादन के शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य 4100.00 लाख स्टे फ्राई के विपक्ष में 4396.83 लाख स्टे फ्राई उत्पादित की गई, जो निर्धारित लक्ष्य से अधिक है। मत्स्य बीज उत्पादन में धार जिला प्रदेश में प्रथम स्थान पर है। जिला बड़वानी में केसीसी स्वीकृत की उपलब्धि शत प्रतिशत होने पर संचालनालय भोपाल द्वारा सैचुरेशन की श्रेणी प्रदान की गई है। जिला खरगोन में देजला देवड़ा सिंचाई जलाषय में वर्ष 2023-24 अंतर्गत आर.के.व्ही.वाय. योजना अंतर्गत आदिवासी मत्स्योद्योग सहकारी संस्था मर्यादित देजला देवड़ा विकासखंड भगवानपुरा द्वारा 48 केज संस्था द्वारा लगाये गये है तथा प्रथम वर्ष में 70 मैट्रिक टन मत्स्य उत्पादन किया गया है।
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