राज्य कृषि समाचार (State News)

कृषि विपणन नीति पर मंथन: पंजाब सरकार ने किसानों के हितों की रक्षा का भरोसा दिलाया

23 दिसंबर 2024, चंडीगढ़: कृषि विपणन नीति पर मंथन: पंजाब सरकार ने किसानों के हितों की रक्षा का भरोसा दिलाया –  पंजाब के किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए राज्य सरकार ने अपने रुख को स्पष्ट किया है। कृषि और किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुदीयां ने राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति के मसौदे पर किसान संगठनों के साथ गहन चर्चा की। यह बैठक पंजाब भवन में आयोजित की गई, जिसमें किसान नेताओं ने इस मसौदे के संभावित प्रभावों पर चिंता जताई।

राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति का मसौदा, जिसे केंद्र सरकार ने साझा किया है, किसानों के लिए गंभीर परिणाम ला सकता है। इस नीति के माध्यम से संभावित निजीकरण और एकाधिकार को लेकर किसान संगठनों ने चेतावनी दी है।

बैठक का उद्देश्य और किसानों की चिंताएं

बैठक में किसान संगठनों ने आशंका जताई कि यह नीति कहीं न कहीं उन तीन कृषि कानूनों को पुनर्जीवित करने का प्रयास हो सकती है, जिन्हें किसान आंदोलन के बाद केंद्र सरकार को वापस लेना पड़ा था। किसान नेता जोगिंदर सिंह उग्राहां, बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ. दर्शन पाल, रुलदू सिंह मानसा और डॉ. सतनाम सिंह अजनाला ने कहा कि यह नीति किसानों के अधिकारों को कमजोर कर सकती है और राज्य की मंडी प्रणाली पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।

पंजाब सरकार का रुख

कृषि मंत्री खुदीयां ने कहा, “पंजाब सरकार इस मसौदे के हर पहलू का गहराई से विश्लेषण करेगी। हम कृषि विशेषज्ञों और अन्य हितधारकों से भी परामर्श करेंगे ताकि कोई भी बिंदु अनदेखा न रह जाए।” उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अपने सुझाव और टिप्पणियां कृषि विभाग को भेजें।

इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव (कृषि और किसान कल्याण) अनुराग वर्मा, पंजाब राज्य किसान और मजदूर आयोग के चेयरमैन डॉ. सुखपाल सिंह, पंजाब मंडी बोर्ड के सचिव रामवीर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।

किसानों के सुझाव और अपील

बैठक में किसान नेताओं ने पंजाब सरकार से इस नीति पर केंद्र को भेजे जाने वाले जवाब पर गहराई से विचार करने का अनुरोध किया। उनका कहना था कि राज्य और किसानों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए नीति के हर पहलू की विस्तृत जांच आवश्यक है।

विशेषज्ञों की भूमिका

इस उच्च स्तरीय बैठक में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (PAU), लुधियाना के अनुसंधान निदेशक डॉ. अजमेर सिंह धत्त और कृषि विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया। पंजाब सरकार ने आश्वासन दिया कि सभी पक्षों को ध्यान में रखते हुए इस मसौदे पर प्रतिक्रिया दी जाएगी।

पृष्ठभूमि

यह चर्चा ऐसे समय में हो रही है जब केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति का मसौदा राज्यों के साथ साझा किया है। पंजाब, जो अपनी कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था और मजबूत मंडी प्रणाली के लिए जाना जाता है, इस नीति के संभावित प्रभावों को लेकर चिंतित है।

कृषि और किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में राज्य सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। किसान संगठनों और विशेषज्ञों की राय को सम्मिलित करते हुए केंद्र को जवाब भेजा जाएगा ताकि पंजाब के किसानों के अधिकार और राज्य की कृषि संरचना प्रभावित न हो।

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