बकरी पालन का व्यवसाय कर लक्ष्मी बनी लखपति दीदी
09 नवंबर 2025, बालाघाट: बकरी पालन का व्यवसाय कर लक्ष्मी बनी लखपति दीदी – बालाघाट जिले के आदिवासी बहुल क्षेत्र बिरसा के ग्राम करोंदाबेहरा की लक्ष्मी धुर्वे आजीविका मिशन से जुड़ने के बाद आत्मनिर्भर बन गई है । इस मिशन से जुड़ने के पहले उसके परिवार की आय सीमित थी और मुश्किल से परिवार का गुजारा चल पाता था। लेकिन अब वह आजीविका मिशन की लखपति दीदी की श्रेणी में शामिल हो गई है और हर माह लगभग 15 हजार रुपये की आय अर्जित कर रही है।
कक्षा 12 वीं तक पढ़ी लक्ष्मी धुर्वे वर्ष 2021 में आजीविका मिशन से जुड़ी थी। तब से लेकर उसने अब तक लंबा सफर तय कर लिया है। जय गोंडवाना आजीविका स्व सहायता समूह से जुड़ने पर उसकी योग्यता को देखते हुए समूह का सचिव बनाया गया था। समूह के सारे लेन-देन का हिसाब लक्ष्मी बड़ी ही कुशलता से संभालती थी। जब समूह के पास अच्छी खासी राशि जमा हो गई तो उसने समूह से 10 हजार रुपये का ऋण लेकर तीन बकरियां खरीदी। घर पर ही बकरी पालन कार्य से अच्छे परिणाम मिलने लगे, जिससे उसकी आय बढ़ने लगी। आमदनी बढ़ने पर उसने समूह से 20 हजार रुपये का ऋण लेकर कृषि का कार्य भी शुरू किया। इसके बाद उसने समूह से सीसीएल की राशि से 50 हजार रुपये का ऋण लेकर 05 बकरियां और खरीद ली है। लक्ष्मी ने अब अपने व्यवसाय में विविधता लाते हुए सुअर पालन का कार्य भी प्रारंभ किया है। लक्ष्मी का चयन एक बगिया मां के नाम योजना में भी किया गया है। जिसमें उसने फलों के पौधे लगाये हैं और उनसे तीन साल बाद आमदनी होने लगेगी। लक्ष्मी को लाड़ली बहना योजना का भी लाभ मिल रहा है।
लक्ष्मी अपनी मेहनत और लगन से हर माह लगभग 15 हजार रुपये की आय अर्जित कर रही है। इससे उसका जीवन स्तर पहले से बेहतर हो गया है। लक्ष्मी अपने समूह से लिये गये ऋण की किश्त भी समय पर नियमित रूप से अदा कर रही है। लक्ष्मी कहती है कि आजीविका मिशन से जुड़ने के बाद उसका जीवन ही बदल गया है और उसमें आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने के लिए नई ऊर्जा का संचार हुआ है। यदि वह इस मिशन से नहीं जुड़ती तो वह आत्मनिर्भर नहीं बन पाती।
आपने उपरोक्त समाचार कृषक जगत वेबसाइट पर पढ़ा: हमसे जुड़ें
> नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, व्हाट्सएप्प
> कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें
> कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: E-Paper
> कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: Global Agriculture

