कुंभराज वृहद सिंचाई परियोजना पर संवाद एवं समीक्षा बैठक संपन्न
08 अक्टूबर 2025, गुना: कुंभराज वृहद सिंचाई परियोजना पर संवाद एवं समीक्षा बैठक संपन्न – चाचौड़ा-बीनागंज शासकीय महाविद्यालय में गत दिनों जिले के प्रभारी मंत्री एवं खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत की अध्यक्षता में कुंभराज वृहद सिंचाई परियोजना के संबंध में संवाद एवं समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में चाचौड़ा-बीनागंज विधायक श्रीमती प्रियंका पेंची, भाजपा जिला अध्यक्ष श्री धर्मेंद्र सिकरवार, कलेक्टर श्री किशोर कन्याल, पुलिस अधीक्षक श्री अंकित सोनी, सीईओ जिला पंचायत श्री अभिषेक दुबे, एसडीएम चांचौड़ा श्री रवि मालवीय सहित विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
बैठक के प्रारंभ में जल संसाधन विभाग के श्री विकास राजोरिया ने परियोजना की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया संशोधित पार्वती–काली सिंध–चंबल लिंक परियोजना क्षेत्र के जल संसाधनों के विकास और प्रबंधन में मील का पत्थर साबित होगी। इस परियोजना से 6 लाख 13 हजार 520 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी तथा लगभग 40 लाख की आबादी को पेयजल उपलब्ध होगा। प्रस्तुतीकरण के दौरान बड़ागांव, दीतलबाड़ा, घटाखेड़ी सहित अन्य स्थानों के वैकल्पिक प्रस्तावों की तुलनात्मक जानकारी दी। तकनीकी मापदंडों और विस्तृत सर्वेक्षण के आधार पर घटाखेड़ी गांव को डैम निर्माण के लिए सर्वाधिक उपयुक्त स्थान माना।
विशेषज्ञों ने परियोजना से संबंधित कुल भराव क्षमता, उपयोगी भराव क्षमता, बांध की ऊँचाई-लंबाई, प्रभावित ग्राम एवं परिवार, शासकीय, निजी एवं वन भूमि का विवरण भी प्रस्तुत किया। घटाखेड़ी लोकेशन के चयन के पीछे किए गए एक्सेस सर्वे, सबमर्ज सर्वे और अन्य तकनीकी जांच की जानकारी भी नक्शों और आंकड़ों के साथ साझा की गई। बताया गया कि कुंभराज सिंचाई परियोजना से 438 ग्राम लाभान्वित होंगे। प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा एवं पुनर्वास पैकेज दिया जाएगा। कलेक्टर गाइडलाइन के अनुसार कृषि भूमि का दोगुना मूल्य प्रदान किया जाएगा तथा प्रत्येक वयस्क (18 वर्ष से अधिक आयु) प्रभावित व्यक्ति को 3,000 वर्ग फुट का विकसित आवासीय प्लॉट उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही अन्य भत्ते एवं सुविधाएं भी दी जाएंगी। बैठक में प्रभारी मंत्री श्री राजपूत ने कहा यह परियोजना क्षेत्र के लिए विकास की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। “इतना बड़ा डैम बनने से न केवल हजारों परिवार लाभान्वित होंगे बल्कि पूरे जिले की कृषि क्षमता भी दोगुनी होगी। सभी तकनीकी पहलुओं को ध्यान में रखकर ही परियोजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। ग्रामीणों के सुझावों को भी सरकार गंभीरता से ले रही है।
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