वित्त पोषित राज्य परियोजना प्रस्ताव की समीक्षा बैठक
प्रेषक: डॉ. बी.एस. द्विवेदी, सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी
26 मई 2025, जबलपुर: वित्त पोषित राज्य परियोजना प्रस्ताव की समीक्षा बैठक – जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर के कुलपति डॉ. प्रमोद कुमार मिश्रा के मुख्य आतिथ्य में वित्त पोषित राज्य परियोजना प्रस्ताव की समीक्षा बैठक संपन्न हुई। बैठक में राज्य के विभिन्न जिलों डिंडोरी, बालाघाट, टीकमगढ़, सागर, जबलपुर, छिंदवाड़ा आदि से आए वैज्ञानिकों ने सहभागिता की तथा उन्होंने इस योजना के अंतर्गत अपने शोध प्रस्ताव प्रस्तुत किये। इस समीक्षा बैठक में कुल 32 शोध प्रस्ताव विविध फसलों, कृषि तकनीकों एवं किसानों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति से संबंधित प्रस्तुत किये गये। बैठक का मुख्य उद्येश्य राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित अनुसंधान परियोजनाओं की समीक्षा करना,उनके उद्येश्यों की प्रासंगिकता पर चर्चा करना तथा कृषि विकास को गति देने के लिये भविष्य की अनुसंधान दिशा को स्पष्ट करना था।
बैठक में विशेष रूप से मध्यप्रदेश के क्षेत्रीय अनुसंधान, प्राकृतिक कृषि, विभिन्न फसलों में संभावित देशज किस्मों के उपयोग, सब्जियों में सुधार,पारंपरिक तकनीकी ज्ञान का अध्ययन, एवं फील्ड व सब्जी फसलों की किस्मों के विकास जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर परियोजनाओं पर चर्चा की गई। इन सभी शोध प्रयासों का उद्येश्य राज्य के किसानों के कल्याण को ध्यान में रखते हुये कृषि विकास को बढ़ावा देना है। इस अवसर पर कुलपति डॉ. पी.के. मिश्रा ने कहा कि सब्जियों का उत्पादन केवल पोषण सुरक्षा के लिये ही नहीं,बल्कि किसानों की आय बढ़ाने के लिये भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।हमें अनुसंधान कार्यो को बाजार की मांग के अनुसार तैयार करना होगा ताकि किसान उत्पाद बेचने में सक्षम हों और उन्हें लाभकारी मूल्य प्राप्त हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित इन परियोजनाओं से प्रदेश के कृषकों को तकनीकी, आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त करने की दिशा में ठोस प्रयास होंगे।
संचालक अनुसंधान सेवायें डॉ. जी.के. कौतु ने बैठक की संपूर्ण रूपरेखा प्रस्तुत करते हुये सभी प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया और परियोजना प्रस्तावों की गुणवत्ता,नवाचार एवं किसानों से जुड़ाव को सराहा। उन्होंने कहा कि आज की बैठक केवल अनुसंधान प्रस्तावों की समीक्षा नहीं,बल्कि प्रदेश की कृषि को नई दिशा देने का प्रयास है।
बैठक में सभी प्रतिभागियों ने विचार-विमर्श में सक्रिय सहभागिता दिखाई। प्रस्तावित शोध कार्यो को शीघ्र क्रियान्वित कर किसानों तक लाभ पहुंचाने के लिये दिशा-निर्देश भी प्रदान किये गये। यह बैठक न केवल शोध दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रही, बल्कि यह राज्य के कृषि विकास में स्थायी बदलाव लाने की दिशा में एक प्रभावी पहल सिद्ध होगी।
बैठक में अधिष्ठाता कृषि संकाय डॉ. धीरेन्द्र खरे, अधिष्ठाता कृषि अभियांत्रिकी संकाय डॉ. अतुल श्रीवास्तव, संचालक विस्तार सेवायें डॉ. दिनकर प्रसाद शर्मा, संचालक शिक्षण डॉ. अभिषेक शुक्ला, संचालक प्रक्षेत्र डॉ. अनीता बब्बर सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, वैज्ञानिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
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