राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्यप्रदेश कृषि विभाग में फिर उठी विभागीय संचालक की मांग

(अतुल सक्सेना )

25 जुलाई 2022, भोपाल: मध्यप्रदेश कृषि विभाग में फिर उठी विभागीय संचालक की मांग – म.प्र. कृषि विभाग में फिर विभागीय संचालक बनाने की मांग उठने लगी है। इसके लिए म.प्र. कृषि अधिकारी संघ, म.प्र. राजपत्रित अधिकारी संघ ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव एवं म.प्र. कर्मचारी कल्याण संघ के अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञातव्य है कि वर्तमान में मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थ अपर सचिव श्रीमती प्रीति मैथिल के पास संचालक कृषि का अतिरिक्त प्रभार है।

Advertisement
Advertisement

संघ ने ज्ञापन के माध्यम से कहा है कि वर्ष 2014 से कृषि विभाग में आईएएस की पदस्थापना की गई थी तब से अब तक कई समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं। कई महत्वपूर्ण योजनाएं बंद हो गई, नियमित भर्तियां नहीं हुई, पदोन्नति के अभाव में पद रिक्त है, अधिकारियों का भ्रमण निरीक्षण सिर्फ कागजों पर हो रहा है। कृषि से संबंधित संस्थाओं में प्रतिनियुक्तियां बंद हो गई हंै। इनके अलावा कई और ज्वलंत मुद्दों पर सवाल उठाते हुए संघ ने कहा है कि विभाग में 5 अपर संचालक पदस्थ हंै जो संचालक कृषि के कार्य के लिए सक्षम एवं पात्र हैं।

संघ ने अपनी मांग के समर्थन में कहा है कि प्रदेश सरकार कृषक हित में निरंतर प्रयास कर रही है परन्तु आईएएस संचालक को फसलों एवं किसानों की आवश्यकता के अनुसार जानकारी नहीं होने से योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। इससे किसानों में असंतोष पनप रहा है।

Advertisement8
Advertisement

संघ ने शासन से आग्रह किया है कि विभागीय अधिकारियों को मैदानी परिस्थितियों का ज्ञान होता है तथा वे सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक रूप से व तकनीकी रूप से दक्ष होते हैं अत: समस्याओं के समुचित निराकरण के लिए विभागीय संचालक पदस्थ करें, जिससे किसान योजनाओं का लाभ ले सकें।

Advertisement8
Advertisement

आईएएस अधिकारियों की अस्थाई व्यवस्था होती है जो साल-दो साल में बदल जाती है, यह विभाग के लिए घातक है। विभागीय अधिकारी को फील्ड का ज्ञान एवं अनुभव होता है, इसलिए उन्हें संचालक बनाना चाहिए।

डॉ. अजय कौशल
प्रांताध्यक्ष,
म.प्र. कृषि अधिकारी संघ

महत्वपूर्ण खबर: खरपतवार अनुसन्धान निदेशालय को मिले दो राष्ट्रीय पुरस्कार

Advertisements
Advertisement5
Advertisement