कृषक रमेश के लिए कस्टम हायरिंग केंद्र योजना बनी आय का जरिया
13 अक्टूबर 2025, छतरपुर: कृषक रमेश के लिए कस्टम हायरिंग केंद्र योजना बनी आय का जरिया – म.प्र. सरकार स्वरोजगार एवं रोजगार के क्षेत्र में विभिन्न योजनाएं एवं नवाचार कर रही है। जिसका धरातल पर असर देखने को मिल रहा है। छतरपुर जिले के ग्राम धामची निवासी श्री रमेश चंद्र यादव के लिए कस्टम हायरिंग केंद्र योजना आय का ज़रिया बन गई है।
ऐसी ही एक कहानी है छतरपुर जिले के ग्राम धामची निवासी श्री रमेश चंद्र यादव की। जो पेशे से एक किसान है। पर इनके पास उन्नत तकनीक के कृषि यंत्र नहीं होने से उन्हें खेती करने में कड़ी मेहनत करनी पड़ती थी। साथ ही मुनाफा भी कम होता था। इसी बीच कृषि अभियांत्रिकी विभाग द्वारा ग्रामीण युवाओं को रोजगार से जोड़ने एवं स्वरोजगार स्थापित करने के लिए निजी कस्टम हायरिंग केंद्र योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 15 लक्ष्य जारी किए गए थे। जिनकी पूर्ति करते हुए विभाग द्वारा प्रकरण तैयार कर बैंक में भेजकर 9 हितग्राहियों को एफ.एम.टी.टी.आई. बुधनी एवं सी.आई.ए.ई. भोपाल में प्रशिक्षण दिलाया गया। जिसमें से प्रशिक्षण उपरांत 4 हितग्राहियों ने अपने स्वयं के केंद्र स्थापित किए। इन्हीं में से एक श्री रमेश चंद्र यादव भी है।
7 लाख 46 हजार 400 रुपये की अनुदान सहायता के पात्र – रमेश ने ट्रैक्टर व कृषि यंत्र कल्टीवेटर, प्लॉउ, थ्रेशर सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल चिसल प्लाउ, रोटावेटर का क्रय कर कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित किया गया। उन्होंने बताया कि पूरे प्रोजेक्ट में 18 लाख 66 हजार रुपए लागत आई। जिसमें से वह विभाग दी जाने वाली 7 लाख 46 हजार 400 रुपये की अनुदान सहायता राशि के भी पात्र हैं। साथ ही केन्द्र स्थापना के लिए उनके द्वारा लिए गए बैंक ऋण के ब्याज पर एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (एआईएफ) से 3 प्रतिशत छूट प्राप्त होगी। अब रमेश अपने ग्राम व आसपास के ग्रामों में भी कृषकों को किराए पर कृषि यंत्र उपलब्ध करवा रहे हैं। जिससे उन्हें अच्छी आय हो रही है। सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं ने कृषकों के लिए उन्नत कृषि यंत्रों की पहुँच आसान बना दी है।
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