राज्य कृषि समाचार (State News)

फसल विविधीकरण से रसायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम होगी

म.प्र. प्राकृतिक कृषि विकास बोर्ड का गठन किया जायेगा, मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक

27 अप्रैल 2022, भोपाल । फसल विविधीकरण से रसायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम होगी – मध्य प्रदेश मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में गेहूँ एवं धान के रकबे तथा उत्पादन में अत्यधिक वृद्धि होने, समर्थन मूल्य पर उपार्जन के खर्च में वृद्धि और इस फसलों के कारण प्रदेश में पर्यावरण असंतुलन की स्थिति निर्मित होने के मद्देनजर मध्यप्रदेश फसल विविधीकरण हेतु प्रोत्साहन योजना लागू करने का निर्णय लिया। योजना में गेहूँ और धान के स्थान पर बोई जाने वाली गैर एम.एस.पी. फसलों को कवर किया जायेगा। इससे प्रदेश में रसायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम होगी और पर्यावरण-संरक्षण, जैव विविधता और टिकाऊ खेती संभव होगी। साथ ही समर्थन मूल्य पर उपार्जन में कमी और दलहन-तिलहन के आयात पर निर्भरता कम होगी।

प्राकृतिक कृषि विकास बोर्ड का गठन

मंत्रि-परिषद द्वारा राज्य में प्राकृतिक कृषि के प्रसार को बढ़ाने के लिए एवं सतत् मार्गदर्शन से किसानों को प्रोत्साहन एवं सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य सरकार की वित्तीय सहायता से एक स्वतंत्र संगठन के रूप में “मध्यप्रदेश प्राकृतिक कृषि विकास बोर्ड” गठन किये जाने का निर्णय लिया गया।  बोर्ड में निगरानी एवं समीक्षा के लिये राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शीर्ष निकाय और  मुख्य सचिव की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया जाऐगा। बोर्ड के राज्य परियोजना संचालक अपर मुख्य सचिव,  कृषि और कार्यकारी संचालक, संचालक कृषि होंगे। बोर्ड का मुख्यालय भोपाल होगा। जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में आत्मा गवर्निंग बोर्ड के निर्देशन में जिला परियोजना संचालक आत्मा द्वारा योजना क्रियान्वित की जाएगी। बोर्ड में 17 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई। बोर्ड के अमले के वेतन, भत्ते एवं अन्य प्रशासकीय व्यय आदि के लिए लगभग 5 करोड़ रूपए प्रतिवर्ष का वित्तीय भार आयेगा।

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आवारा पशुओं के नियंत्रण के लिये 1 हज़ार जुर्माना

  नगरीय निकायों में आवारा पशुओं के नियंत्रण के लिये मध्यप्रदेश नगर पालिक विधि (संशोधन) अध्यादेश 2022 लाया जा रहा है। अध्यादेश में किसी व्यक्ति द्वारा जान-बूझकर अथवा उपेक्षापूर्वक किसी मवेशी अथवा अन्य पशु को सार्वजनिक सड़क अथवा स्थान पर खुला छोड़ा अथवा बांधा जाता है,  तो एक हजार रुपये तक  का जुर्माना लगेगा ।

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