राज्य कृषि समाचार (State News)

राजस्थान में फसल बीमा के लिए क्रॉप कटिंग होगी 100% ऑनलाइन, किसानों को समय पर मिलेगा बीमा क्लेम

05 सितम्बर 2024, जयपुर: राजस्थान में फसल बीमा के लिए क्रॉप कटिंग होगी 100% ऑनलाइन, किसानों को समय पर मिलेगा बीमा क्लेम – प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत राजस्थान में फसल कटाई प्रयोगों को पूरी तरह से ऑनलाइन और पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य के प्रमुख शासन सचिव राजस्व, श्री दिनेश कुमार और प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी, श्री वैभव गालरिया ने मंगलवार को पंत कृषि भवन में इस संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्य के सभी जिला कलेक्टरों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की।

फसल बीमा क्लेम में होगी तेजी: बैठक के दौरान श्री दिनेश कुमार ने कहा कि फसल कटाई प्रयोग (क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट्स) का कार्य निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुरूप ही किया जाए ताकि बीमा कंपनियों द्वारा किसी प्रकार की आपत्ति न हो। उन्होंने निर्देश दिया कि बीमा कंपनियों और जिले के अधिकारियों के बीच नियमित साप्ताहिक बैठकें आयोजित की जाएं, ताकि फसल कटाई के दौरान उठने वाली आपत्तियों का समय पर निस्तारण हो सके। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को उनके फसल बीमा का क्लेम समय पर मिले और उन्हें अनावश्यक देरी का सामना न करना पड़े।

श्री कुमार ने कहा कि अधिक से अधिक फसल सर्वेक्षण डिजिटल माध्यम से किया जाए। इससे न केवल प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जा सकेगा बल्कि फसल बीमा के दावों में होने वाली देरी को भी कम किया जा सकेगा।

100% ऑनलाइन क्रॉप कटिंग का निर्देश: श्री वैभव गालरिया ने फसल कटाई प्रयोगों की गोपनीयता बनाए रखने पर जोर दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि सीसीई (क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट) प्रक्रिया की पूर्ण वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की जाए ताकि किसी भी प्रकार की फसल में छेड़छाड़ का पता चल सके। इसके अलावा, उन्होंने थ्रेसिंग के दौरान किसी भी अनियमितता से बचने के निर्देश दिए।

श्री गालरिया ने जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिया कि फसल कटाई प्रयोगों को 100% ऑनलाइन कराया जाए और इस प्रक्रिया में बीमा कंपनी के प्रतिनिधियों को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर फसल कटाई कार्यक्रम में कोई बदलाव किया जाता है, तो बीमा कंपनियों को तुरंत लिखित सूचना दी जाए। साथ ही, खेत या प्लॉट निर्धारण और गीला तथा सूखा वजन लिए जाने की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाए ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

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