राज्य कृषि समाचार (State News)

सिवनी जिले में उर्वरक के विकल्पों का उपयोग करने की सलाह दी

02 जुलाई 2024, सिवनी: सिवनी जिले में उर्वरक के विकल्पों का उपयोग करने की सलाह दी – सिवनी  जिले में खरीफ फसलों की बोनी का कार्य प्रारंभ हो चुका है। कृषकों के द्वारा बोनी के समय आधार डोज हेतु उर्वरकों का प्रयोग किया जाता है। विगत कई वर्षों से यह देखने में आया है कि किसानों द्वारा एक ही प्रकार के उर्वरक जैसे-यूरिया डीएपी का ही प्रयोग किया जा रहा है। जिससे एक ही प्रकार उर्वरक के प्रति किसानों की निर्भरता बनी हुई है। किसान, अन्य  उर्वरकों  जैसे-12:32:16 एवं 20:20:0:13 जैसे मिश्रित उर्वरकों का प्रयोग कर पोषक तत्वों की पूर्ति कर सकते हैं। ये मिश्रित उर्वरक समितियों एवं निजी विक्रेताओं के पास भी आसानी से उपलब्ध रहते है।

किसानों को मक्का एवं धान फसल हेतु 120.60.40 के हिसाब से पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इन पोषक तत्वों की पूर्ति करने हेतु पहले विकल्प के रूप में किसान ,यूरिया 220 कि.ग्रा. 12:32:16-190 किग्रा एवं म्यूरेट एवं पोटाश 20 किग्रा का प्रयोग प्रति हेक्टेयर में कर सकते हैं। इसी प्रकार मक्का एवं धान फसल हेतु दूसरे विकल्प के रूप में 20:20:0:13 -150 किग्रा, सिंगल सुपर फास्फेट 18 किग्रा, यूरिया 195 किग्रा एवं म्यूरेट ऑफ पोटाश 66 कि.ग्रा का प्रयोग प्रति हेक्टेयर कर सकते  हैं ।      

इसी तरह अरहर फसल के लिए 20:50:20 के हिसाब से पोषक तत्वों की आवश्यकता 01 हेक्टेयर के लिए होती है। इन पोषक तत्वों की पूर्ति करने के लिए पहले विकल्प के रूप में किसान 160 किग्रा एनपीके 12:32:16 उर्वरक का प्रयोग प्रति हेक्टेयर के लिए कर सकते  हैं । अरहर फसल के लिए दूसरे विकल्प के रूप में यूरिया 44 किग्रा सिंगल सुपर फास्फेट 313 किग्रा एवं म्यूरेट ऑफ पोटाश 33 किग्रा का प्रयोग प्रति हेक्टेयर हेतु कर सकते हैं। इस प्रकार से विभिन्न उर्वरकों के विकल्पों को उपयोग करने से एक ही प्रकार के उर्वरकों पर  किसानों की निर्भरता घटेगी, साथ ही साथ लागत में कमी आकर आय में वृद्धि होगी। जिला कलेक्टर सुश्री  संस्कृति  जैन एवं उप संचालक कृषि द्वारा  किसानों से अपील है कि वे एक ही प्रकार के उर्वरकों पर निर्भर न रहकर उर्वरकों के अन्य विकल्पों का प्रयोग करें।

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