सहकारिता को मिल रहे नए आयाम: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
05 जुलाई 2025, भोपाल: सहकारिता को मिल रहे नए आयाम: मुख्यमंत्री डॉ. यादव – अंतर्राष्ट्रीय सहकारी दिवस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में सहकारिता क्षेत्र को नए आयाम मिल रहे हैं, और सरकार दुग्ध उत्पादन, औद्योगिक विकास सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहकारी समितियों को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने युवाओं से संवाद करते हुए कहा कि सहकारिता न केवल समाज को जोड़ने का माध्यम है, बल्कि यह बेरोजगारी दूर करने का भी प्रभावी साधन है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि रोजगार का मतलब केवल सरकारी नौकरी नहीं, बल्कि स्वरोजगार और उद्यमिता भी है। सरकार वर्ष 2025 को “रोजगार एवं उद्योग वर्ष” के रूप में मना रही है। सहकारी समितियों की नई पंजीयन प्रक्रिया अब 30 दिनों में पूर्ण की जा रही है, जिससे व्यवस्था पारदर्शी और सरल बनी है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह बात म.प्र. राज्य सहकारी संघ एवं अपेक्स बैंक ट्रेनिंग कॉलेज द्वारा आयोजित सहकारी युवा संवाद कार्यक्रम में कही।
सहकारिता: आय ही नहीं, समाज को जोड़ने की भी पहल —श्री सारंग
सहकारिता, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा कि सहकारिता केवल आय बढ़ाने का माध्यम नहीं, बल्कि समाज और देश को एक करने की प्रभावी पहल है। उन्होंने कहा कि जहां व्यक्ति है, वहां सहकारिता है — यही हमारे देश की परंपरा रही है। व्यक्ति-व्यक्ति के समन्वय से ही राष्ट्र एकजुट बनता है।मंत्री श्री सारंग ने आह्वान किया कि हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना साकार करना है, और इसके लिए सहकारिता को रोजमर्रा के जीवन में आत्मसात करना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान किया
युवा संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महाविद्यालयीन छात्रों की सहकारिता से जुड़ी जिज्ञासाओं का समाधान किया।एक छात्रा ने सहकारिता को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने का सुझाव दिया, जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हर विषय को पाठ्यक्रम में जोड़ना संभव नहीं, लेकिन लोगों को स्वयं पहल कर सहकारिता से जुड़ना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि सहकारिता में शिक्षा या आय की कोई बाध्यता नहीं है, यह सबके लिए खुला मंच है।
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